हाईवे किनारे बेतरतीब खड़े ट्रक-डंपर हैं ‘यमदूत’!
सत्र के दौरान विधान परिषद में बीजेपी एमएलसी विजय बहादुर पाठक ने उठाया मुद्दा
- दिल्ली-गाजियाबाद, लखनऊ-आजमगढ़, झांसी-कानपुर सभी हाईवे पर बताई समस्या
लखनऊ। हाईवे पर अवैध रूप से खड़े होने वाले वाहनों से निर्दोष लोग असमय मौत के शिकार हो रहे हैं...कुछ ऐसी ही सदन को झकझोर देने वाली पंक्तियां गुरुवार को विधान परिषद सत्र में गूंजी। दरअसल, इस मुद्दे को बीजेपी एमएलसी विजय बहादुर पाठक ने विधान परिषद में उठाया। उन्होंने लिखित तौर पर यह दर्शाया कि हाईवे पर खड़े होने वाले ऐसे अवैध वाहनों के खिलाफ कठोर कदम उठाने के लिये हाईवे पुलिस, यातायात पुलिस के साथ ही परिवहन विभाग की भी जिम्मेदारी तय होनी चाहिये ताकि किसी भी बड़ी दुर्घटना को टाला जा सके।
वहीं उनके द्वारा सत्र में नियमों के तहत उठाये इस जनहित के मुद्दे पर जब तरूणमित्र टीम ने उनसे बात की तो उनका यही कहना रहा कि वो रूलिंग पार्टी के जनप्रतिनिधि हैं, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने ऐसे उक्त अहम विषय को सदन में उठाया जिससे कि अनावश्यक रूप से किसी भी प्रकार की जानमाल की हानि न होने पाये। उनके अनुसार दिल्ली-गाजियाबाद हाईवे हो या फिर आजमगढ़-लखनऊ हाईवे, प्रदेश के तकरीबन सभी हाईवे मार्गों पर अवैध रूप से ट्रंक डंपर सहित अन्य दूसरे वाहन जहां-तहां खड़े रहते हैं।
ये वाहन यमदूत बनकर लोगों की अनदेखी के चलते इनके चालक हाईवे पर ही पार्किंग कर लेते हैं। नतीजतन, हाईवे पर ट्रकों व दूसरे भारी वाहनों के अवैध पार्किंग के कारण दुर्घटनायें प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं। आगे दर्शाया कि इसी प्रकार झांसी-कानपुर ललितपुर-शिवपुरी हाईवे हो या कोई अन्य हर समय भारी वाहन जगह-जगह खड़े मिल जायेंगे। साथ ही पुलिस की तरफ से कोई ठोस अभियान नहीं चलाये जाने के चलते ऐसे वाहन खड़े कर दिये जाते हैं। इस चक्कर में पीछे से हाईवे पर तेजी से आने वाले वाहन, पहले से ही खड़े भारी वाहनों से टकरा जाते हैं और दुर्घटनाओं का कारण बन जाते हैं। यही नहीं इससे इतर ओवरटेक करने के चक्कर में भी हाईवे पर अनापेक्षित सड़क हादसे का शिकार लोग हो जाते हैं, जिस पर संबंधित विभागों की जवाबदेही और उनकी कार्यप्रणाली सुनिश्चित होनी चाहिये।
वहीं देर शाम खबर लिखे जाने तक सत्ताधारी दल के एमएलसी द्वारा सत्र के दौरान उठाये गये ऐसे अहम जनहित से जुड़े मुद्दे को लेकर जब तरूणमित्र टीम ने संंबंधित विभाग का पक्ष जानने की मंशा से उनके मंत्री और जिम्मेदार विभागाध्यक्ष क्रमश: परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह और परिवहन आयुक्त ब्रजेश नारायण सिंह के मोबाइल नंबर पर क्रमवार कॉल किया तो उनका फोन रिसीव नहीं हुआ।
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