मतदान: लखनऊ सेकेंड, मोहनलालगंज फर्स्ट डिवीजन पास!
लखनऊ लोस की वोटिंग रही 52.03 फीसद तो मोहनलालगंज का मतदान रहा 62.53 फीसद
By Harshit
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लखनऊ। स्याही की तासीर का अंदाजा तो देखिये जनाब, बिखरती है तो दाग बना जाती है, दर्द में डूबी तो शायरी बन जाती है, और ऊंगली पर लग जाती है तो सरकार बन जाती है...शेरो-शायरी की इस पंक्तियों में जनता, सियासत और स्याही के तालमेल को बखूबी बयां किया गया है। यह बताया गया है कि मतदाताओं की ऊंगलियों पर लगी चुनावी स्याही ही दरअसल, किसी भी दल के सरकार को चुनने का काम करती है और उसमें बहुमत वाली सरकार आती है या फिर मिलीजुली ये तो चुनावी परिणाम आने के बाद ही पता लगता है।
फिलहाल, सोमवार को भारतीय लोकतंत्र के सबसे बड़ा महापर्व यानी चुनावी महासमर में यह दिवस 2024 लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण का दौर था और उम्मीद की जा रही थी कि कम से कम राजधानी मुख्यालय यानी लखनऊ लोकसभा क्षेत्र में मतदान का अधिकाधिक प्रतिशत देखने को मिलेगा जोकि अन्य संसदीय सीटों के लिये एक शानदार उदाहरण बनकर उभरेगा। लेकिन इसे बेहाल करने वाली गर्मी की घुटन कहें या फिर नवाबी संस्कृति में आरामतलब करने वाले लखनऊ वासियों के लिये एक आम छुट्टी का दिन, शासन-प्रशासन की तमाम कोशिशों के बावजूद लखनऊ संसदीय सीट पर देर शाम छह बजे तक वोटिंग का फीसद 52 फीसद के आसपास ही आकर रुक गया और लखनऊ के चुनावी महापर्व में फर्स्ट डिवीजन गे्रड में पास होने का सपना हवा-हवाई ही रह गया।
जबकि दूसरी तरफ लखनऊ लोकसभा जोकि शहरी मतदाताओं का गढ़ माना जाता है, उससे सटे मोहनलालगंज ग्रामीण सुरक्षित संसदीय सीट पर यहां के कम पढ़े-लिखे वोटरों ने रिकॉर्ड मतदान करते हुए यहां के वोटिंग फीसद को फर्स्ट डिवीजन से कहीं ऊपर 62 प्रतिशत से आगे पहुंचाने का काम किया।

हालांकि मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब ने अभी एक दिन पहले ही स्थानीय प्रशासनिक अफसरों के साथ हुई समीक्षा बैठक में यह अपील की थी कि हम सभी को मिलजुलकर इस सोच को बदलना होगा कि लखनऊ में ज्यादातर पढे-लिखे मतदाता, मतदान के दिन वोटिंग करने को बाहर नहीं निकलते। वहीं जिला निर्वाचन अधिकारी सूर्यपाल गंगवार से लेकर नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह और एलडीएस वीसी डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी अलग-अलग टीमों के साथ कहीं शहरी क्षेत्र में आदर्श मतदान केंद्र तो कहीं अन्य स्थलों पर शहरी वोटरों को मतदान के प्रति आकर्षित करने के लिये तमाम तरह के वोटर सेल्फी प्वाइंट लगाने के लिये डटे रहे।
वहीं तरूणमित्र टीम ने जब अल सुबह वोटिंग शुरू होने के साथ ही पोलिंग बूथों का जमीनी जायजा लिया तो कुछ वोटरों का यही कहना रहा कि गर्मी काफी है तो ऐसे में सुबह ही वोट देना ठीक समझा। जबकि दोपहर होने के साथ ही वोटिंग फीसद भी गिरने लगा। बता दें कि सोमवार को लखनऊ संसदीय सीट पर चुनाव होने के साथ ही लखनऊ पूर्वी विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव की प्रक्रिया भी चल रही थी तो ऐसे में इस पूर्वी क्षेत्र के तहत आने वाले ज्यादातर इंदिरानगर इलाके के पोलिंग सेंटरों पर वोटरों ने एक तरफ लोकसभा तो दूसरी तरफ वहीं पर विस उपचुनाव के मद्दनेजर अपने-अपने मतदान का प्रयोग किया।
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