बंद घरों में चोरी व नकबजनी करने वालों का भंडाफोड़, तीन गिरफ्तार

इन अभियुक्तों पर दर्ज है कई आपराधिक मुकदमें

बंद घरों में चोरी व नकबजनी करने वालों का भंडाफोड़, तीन गिरफ्तार

  • गिरफ्तार अभियुक्त में एक के ऊपर 31 मुकदमा दर्ज
  • ऋषि कोरी गैंग का सरगना, जेल से निकलने बाद करने लगा चोरी
  • भैंस के घूटे के नीचे गाड़ कर रखा था चोरी की रकम
लखनऊ। थाना ठाकुरगंज व सर्विलांस टीम डीसीपी पश्चिमी  की संयुक्त पुलिस टीम द्वारा बंद घरो मे चोरी व नकबजनी करने वाले अन्तर्जनपदीय गिरोह के तीन शातिर अभियुक्तों को किया गया गिरफ्तार। साथ ही उनके कब्जे से भारी मात्रा में चोरी किये गये जेवरात व घटना में प्रयुक्त एक मोटरसाइकिल समेत कुल 18 लाख की कीमत का माल बरामद किया है। डीसीपी पश्चिमी राहुल राज ने घटना का खुलासा करते हुए बताया कि 28 दिसंबर की रात थानाक्षेत्र के  दुर्गा देवी मार्ग कला कोठी के सामने शीश महल निवासी  डॉ. सैय्यद गौहर अब्बास के घर में भारी जेवरात की चोरी हुई। इस संबंध में थाना ठाकुरगंज में मुकदमा दर्ज हुआ।
 
घटना का खुलासा करने के लिए थाना ठाकुरगंज की पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए तीन अभियुक्त को गिरफ्तार किया गया। इसमें एक अभियुक्त ऋषि कोरी जो कि थाना ठाकुरगंज के हुसैनाबाद मोहिनी पुरवा का रहने वाला है। इसके ऊपर कुल 31 मुकदमें दर्ज है। इसमें दो गैगेस्टर के बाकी सब चोरी के है। साथ ही यह थाना ठाकुरगंज का हिस्ट्रशीटर  है। इसके साथ जो दूसरा अभियुक्त देवा उर्फ देवेंद्र यह गुडंबा थाने का रहने वाला है। इस पर भी सात अभियोग पंजीकृत है। जिसमें एक मर्डर का है।
 
 
जिसमें यह जेल गया था। इसी दौरान जेल में उसकी ऋषि कोरी से दोस्ती हुई। जेल से छूटने के बाद ये दोनों ने गैंग बनाकर फिर चोरी की वारदात करने लगे। इसमें तीसरा अभियुक्त करन है जो कि ऋषि कोरी के घर पर किरायेदार के रूप में रहता है। यह भी इनके साथ मिलकर घटना को अंजाम देता था। उन्होंने बताया कि जो ऋिषी कोरी है वह सिलाई काम, देवेंद्र दूध बेचने काम करता है । तीसरा अभियुक्त करन राशन की दुकान पर बैठता है। इन लोगों से जो बरामदगी हुई वह कुल बीस लाख के जेवरात और एक बाइक भी बरामद हुई है। बरामद सामान ठाकुरगंज के दो और मड़ियांव की तीन घटनाओं के है। इस प्रकार से कुल पांच घटनाओं का पदार्फाश हुआ है। जो अभियुक्त पकड़े गये हैं इनके वारदात करने का क्षेत्र पूरा लखनऊ है।  
 
ठाकुरगंज, बाजारखाला, नाका, तालकटोरा, हुसैनगंज, गुडंबा,मड़ियावं आदि इनका अपराध क्षेत्र है। इनके अपराध करने के तरीके भी बिल्कुल अलग है। जो इनसे सामान बरामद हुआ उसमें इन्होंने सारे जेवरात एक भैंस के खूंटे  के नीचे से बरामद हुआ है। यानी इनके द्वारा जो सामान चोरी किया गया उसे जमीन के अंदर गाड़ कर रखा। ताकि इसके बारे में किसी को भनक तक न लग से। ये बड़े ही शातिर किस्म के चोर है। गिरफ्तार करने वाली टीम को उनकी तरफ से पचीस हजार रुपये का इनाम दिया जाता है। ये जो बरामदगी हुई हो पांच घटनाओं के कुछ न कुछ माल है। इनके द्वारा लखनऊ के बाहर भी घटनाएं की जाती रही है। इसके बारे में पता किया जा रहा है। ये दिन भर घूमकर देखते रहते है कि कहां पर अधिक माल मिल सकता है और कहां किस घर में ताला बंद रहता है। ऋषि इस घटना का गैंग लीडर है। 
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