नदियों के विलुप्त से शहरों का तापमान 50 डिग्री पहुंच रहा
लखनऊ। निरंतर नगरीकरण के चलते अंधाधुंध वृक्षों के कटाव और नदियों के विलुप्त होने के कारण लखनऊ ही नहीं, बल्कि भारत के कई हिस्सों में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस को पार कर चुका है। इससे कई शहरों में लोगों की जान जा चुकी है और जल संकट के कारण मूलभूत जरूरतों के लिए पानी भी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। इसका समाधान तभी संभव है जब व्यक्ति अपनी जिम्मेदारी को समझे और जितनी आवश्यकता हो उतने जल का उपयोग करे, अधिक से अधिक वृक्ष लगाए, और अपने घरों में वेस्ट वाटर एवं एयर कंडीशनरों से निकलने वाले जल को एकत्रित कर उसका पुन: उपयोग करें। यह बात नेशनल पीजी कॉलेज के भूगोल विभाग द्वारा भीषण गर्मी के बीच जल संकट विषय पर 'भू संवाद' के आयोजन में मुख्य अतिथि प्रोफेसर विंध्यवासिनी पांडेय, दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स ने व्यक्त किए।
उन्होंने ने यह भी बताया कि ग्लोबल वार्मिंग केवल आज का विषय नही है बल्कि शताब्दियों पुराना है जिनमे यूरोपीय तथा अमेरिकी भुगोलवेत्ताओं ने चार प्रमुख भागों में बाटा है - गुंज- मिंडल -रिस्स - वुर्म । प्रोफेसर पांडेय के अनुसार जिस तरह शहरीकरण के कारण शहरों का तापमान ऊंचाईयों पर पहुंच रहा है ठीक उसी तरह गांवों में भी तेजी से पक्के मकानों के विकास के कारण आने वाले समय में लोगों को और कठिनाइयों जैसे भू जलस्तर का तेजी से गिरना, पेयजल तथा सूखे की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
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