गोरखपुर : दरगाहों पर पीएम नरेंद्र मोदी का पढाया गया संदेश - सयैद सलमान चिश्ती
कुशीनगर, तरुण मित्र। देश दुनिया मे प्रसिद्ध अजमेर स्थित ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के 812 वे उर्स के मौके पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश पत्र पढा गया साथ ही अजमेर शरीफ दरगाह के गद्दीनशीन जनाब सयैद सलमान चिश्ती के आह्वान पर पूरे देश की दरगाहों के मुतवल्ली के द्वारा जन-जन तक प्रधानमंत्री का संदेश सुनाया गया और लोगो को बताया भी गया। गोरखपुर की सबसे कदीम दरगाह मुबारक खां शहीद रहमतुल्लाह अलैह के आस्ताने पर सदर इक़रार अहमद की सरपरस्ती में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का देश के नाम दिए गए मुबारकबाद व संदेश को लोगो के बीच पढ़ा गया अपने संदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के 812वें उर्स मुबारक के अवसर पर विश्वभर में उनके अनुयायियों और अजमेर शरीफ में आए सभी श्रद्धालुओं को बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएं आस्था, अध्यात्म व ज्ञान की पावन धरा भारत के संतों, पीरों व फकीरों ने अपने जीवन, आदर्शों और विचारों से जन-जन को सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया है।
लोगों में अमन, शांति, सद्भावना व भाईचारे का संदेश देते हुए उन्होंने हमारी सांस्कृतिक एकता को सशक्त किया। ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती ने हमारी इस महान परंपरा को और समृद्ध किया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संदेश में आगे कहा कि गरीब नवाज के मानवता से जुड़े संदेशों और लोक कल्याण की भावना ने दुनियाभर के लोगों को प्रभावित किया है। उनके वार्षिक उर्स को हमारी सांस्कृतिक विविधता और मान्यता के उत्सव के रूप में मनाना समाज में आपसी जुड़ाव को और मजबूत करता है। अमृत काल में अपनी गौरवशाली विरासत पर गर्व के साथ हम एक भव्य व विकसित भारत के निर्माण की ओर अग्रसर हैं मुझे पूर्ण विश्वास है कि इस कर्तव्य काल में देशवासियों की एकता, एकजुटता व सामर्थ्य से राष्ट्र उन्नति की नई ऊंचाइयों को छुएगा। ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती रहमतुल्लाह अलैह दरगाह के गद्दीनशीन सयैद सलमान चिश्ती के एक ऐलान से देशभर में सभी दरगाहों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश पढ़ कर करोड़ो लोगो तक को पीएम मोदी का मुबारकबाद व संदेश पहुचाया गया।
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‘तरुणमित्र’ श्रम ही आधार, सिर्फ खबरों से सरोकार। के तर्ज पर प्रकाशित होने वाला ऐसा समचाार पत्र है जो वर्ष 1978 में पूर्वी उत्तर प्रदेश के जौनपुर जैसे सुविधाविहीन शहर से स्व0 समूह सम्पादक कैलाशनाथ के श्रम के बदौलत प्रकाशित होकर आज पांच प्रदेश (उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तराखण्ड) तक अपनी पहुंच बना चुका है।
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