पिंक रन: एकजुट हुईं, हुंकार भरी...और दौड़ पड़ी महिला शक्ति

एलडीए ने आयोजित शक्ति उत्सव, छात्राओं संग महिलाओं ने लिया हिस्सा

पिंक रन: एकजुट हुईं, हुंकार भरी...और दौड़ पड़ी महिला शक्ति

  • अर्जुन पुरस्कार विजेता पद्म श्री सुधा सिंह ने 1090 चौराहे से दिखाई झंडी
  • मंडलायुक्त ने कैश प्राइज, ट्रॉफी व सर्टिफिकेट देकर किया सम्मानित

लखनऊ। कजरी को देखे सारा गांव रुक जाये तो जीवन ठहरा, ठहरे नहीं हैं पांव... नुक्कड़ नाटक में कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किये गये इस गीत की पंक्तियों की तरह महिला शक्ति के कदम नहीं ठहरे। वो एकजुट हुईं, हुंकार भरी और नये युग की ओर बढ़ने का संकल्प लेकर पिंक रन में शान से दौड़ पड़ीं। लखनऊ विकास प्राधिकरण के तहत शनिवार को आयोजित किये गये शक्ति उत्सव में स्कूल-कॉलेज की छात्राओं के साथ महिलाओं ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। जिसकी शुरूआत 1090 चौराहे से हुई। जहां वाईडीपी के परफॉरमिंग आर्ट के कलाकारों ने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से महिलाओं को नयी स्किल सीखने, समाज की विभिन्न गतिविधियों में शामिल होने, शारीरिक और मानसिक मजबूती को बढ़ाने का संदेश दिया।

साथ ही अन्याय के खिलाफ औरतें उठी नहीं तो जुल्म बढ़ता जाएगा, जुल्म करने वाला सीनाजोर बनता जाएगा, कुछ ऐसी पंक्तियों के जरिये महिलाओं को उनके हक के प्रति जागरुक किया। यहां से लोहिया पार्क तक 2.5 किलोमीटर की पिंक रन हुआ। बतौर मुख्य अतिथि पहुंची भारतीय ओलंपिक एथलीट अर्जुन पुरस्कार विजेता पद्मश्री सुधा सिंह ने 1090 चैराहे से पिंक रन को फ्लैग आॅफ किया। उन्होंने कहा कि यह पिंक रन सिर्फ कुछ किमी की दौड़ नहीं है, बल्कि यह नये युग की ओर बढ़ने का प्रतीक है। पिंक रन में महिला प्रतिभागियों ने अपनी पूरी ताकत झोंकी। कोई स्पोर्ट्स शूज पहनकर दौड़ा तो किसी ने नंगे पांव ही उड़ान भर दी। 

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विजेताओं में 10,000 रुपए का प्रथम पुरस्कार पूजा निषाद को मिला। वहीं, अंजलि को द्वितीय पुरस्कार के रूप में 7,500 रुपए और सुप्रिया को 5,000 रुपए का तृतीय पुरस्कार मिला। मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब ने पिंक रन व चित्रकला प्रतियोगिता की विजेता प्रतिभागियों को कैश प्राइज, ट्रॉफी व सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया।

महाकुंभ को समर्पित मां गंगे के गीत गाये...!
इसी बीच पहले महिला मिशन रॉक बैंड मेरी जिंदगी के कलाकारों ने लाइव परफॉरमेंस दिया। उन्होंने महाकुंभ को समर्पित मां गंगे...गीत से परफॉरमेंस की शुरूआत की। जिसके बाद बोलो-बोलो., अपनी आवाज बुलंद करें महिलाएं., उड़ने दो हमें तो.,जैसे गीतों की प्रस्तुति से महिलाओं को अपने संग झूमने पर मजबूर कर दिया। 

इस तरह बैंड की फाउंडर जया तिवारी सहित निहारिका दुबे, मेघना श्रीवास्तव, सौभाग्य दीक्षित, आयती शर्मा, सुकांशी प्रजापति ने शानदार प्रस्तुति से बेटियों के हक की आवाज बुलंद की। महिला सशक्तिकरण थीम पर चित्रकला प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। सभी पेन्टिंग इतनी आकर्षक बनी थीं कि ज्यूरी पैनल को इनमें से सर्वश्रेष्ठ कृतियों का चयन करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी।

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