पन्नू के कहने पर अयोध्या का नक्शा लेने पहुंचे थे!
अयोध्या में किसी घटना को अंजाम देने के लिए रेकी कर रहे तीन को दबोचा
लखनऊ। राज्य सरकार एवं पुलिस मुख्यालय के निदेर्शों के क्रम में एटीएस उत्तर प्रदेश द्वारा 22 जनवरी को श्री राम जन्मभूमि, तीर्थ स्थल अयोध्या में श्री रामलला की मूर्ति स्थापना (प्राण- प्रतिष्ठा) तथा मन्दिर उद्घाटन कार्यक्रम के दृष्टिगत विशेष सतर्कता व सुरक्षा अभियान चलाया जा रहा है। उक्त अभियान के दौरान आसूचना प्राप्त हुई कि एक गैंगेस्टर अपने कुछ साथियों के साथ सड़क मार्ग से श्रीराम जन्मभूमि, अयोध्या आ रहा है।उक्त सूचना पर एटीएस उत्तर प्रदेश की टीम द्वारा भौतिक व इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस के माध्यम से कार्रवाई शुरू करते हुए एक संदिग्ध वाहन को चिह्नित किया गया। तत्पश्चात टीम द्वारा सावधानीपूर्वक गाड़ी का पीछा किया गया।
उक्त संदिग्ध गाड़ी अयोध्या में विभिन्न संवेदनशील स्थानों पर भ्रमण कर रही थी। जब एक सफेद रंग की स्कॉर्पियों गाड़ी में सवार व्यक्ति त्रिमूर्ति होटल अयोध्या में जाने लगे तो सर्तकता बरतते हुए अभियुक्तों को मय वाहन पकड़ लिया गया। पकड़े गए अभियुक्त का नाम शंकर लाल दुसाद उर्फ शंकर जाजोद पुत्र नाराण मल दुसाद निवासी राजस्थान, अजीत कुमार शर्मा पुत्र आनन्द कुमार शर्मा निवासी राजस्थान, प्रदीप पुनिया पुत्र राजेंद्र सिंह पुनिया निवासी राजस्थान है। तीनों से पूछताछ किया गया तो पता चला कि शंकर लाल दुसाद के ऊपर वर्ष 2007 में वर्ष 2014 मध्य कुल साथ मुकदमा राजस्थान में दर्ज है।
वर्षों फरारी के पश्चात अभियुक्त शंकरलाल दुसाद की गिरफ्तारी वर्ष 2016 में सम्भव हो सकी। शंकरलाल दुसाद 21 मार्च 2016 से 15 मई 2023 (लगभग 7 वर्ष जेल में रहकर) तक सेन्ट्रल जेल बीकानेर में निरूद्ध था, जो जमानत पर छूटकर वापस आया है। सेन्ट्रल जेल बीकानेर में बन्द रहने के दौरान, जेल में बन्द एक अन्य कैदी लखबिन्दर से शंकरलाल दुसाद की जान-पहचान हो गयी थी। जेल से छूटने के समय लखबिन्दर ने शंकरलाल दुसाद से कहा था कि मेरे भाँजे पम्मा से मुलाकात कर लेना। पम्मा से वार्ता के दौरान, पम्मा ने शंकरलाल दुसाद को कनाडा में रह रहे खालिस्तान समर्थक, गैंगस्टर सुखबिन्दर गिल उर्फ सुखडोल सिंह गिल उर्फ सुखदिल का नम्बर दिया और कहा कि व्हाट्सएप कॉल से बात कर लिया करो। इसके बाद शंकर लाल दुसाद की सुखबिन्दर उर्फ सुक्खा उपरोक्त से व्हाट्सएप के माध्यम से बात होने लगी। जिसमें सुक्खा द्वारा कहा जाता था कि तुम्हारे गैंग के लोगों एवं खालिस्तानी समर्थकों की हत्या में गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई का हाथ है और तुम बदला लेने में हम लोगों की मदद करो।
सितम्बर 2023 में कनाडा में सुखबिन्दर उर्फ सुक्खा की हत्या हो गयी। यह भी ज्ञात हुआ है कि शंकरलाल दुसाद कुख्यात गैंगस्टर राजेन्द्र जाट उर्फ राजू ठेहट का करीबी रहा है। गैंगवार में राजू ठेहट के मारे जाने के बाद से उसके गैंग का संचालन शंकरलाल दुसाद द्वारा ही किया जा रहा है। शंकरलाल दुसाद द्वारा अवैध रूप से धन अर्जित करके दूसरों के नामों से मेघालय माइनिंग एवं राजस्थान में ट्रांस्पोर्ट का कार्य भी किया गया था। जेल से छूटने के बाद गैंग की सहायता से पुन: ट्रांस्पोर्ट का कार्य शुरू करने वाला था। पूछताछ पर अभियुक्त शंकरलाल दुसाद द्वारा बताया गया कि विदेश में रह रहे हरमिन्दर सिंह उर्फ लांडा, जो खालिस्तान समर्थक है, उसके द्वारा मुझे निर्देश दिया गया था कि गुरपतवन्त सिंह पन्नू ने कहा है कि अयोध्या जाकर वहां रेकी कर नक्शा भेजे तथा उसके निर्देश का इंतजार करे, उसी अनुसार घटना का अंजाम दिया जाएगा एवं सामग्री आदि उपलब्ध करा दी जाएगी।
इसलिए हम लोग अपने वाहन में श्रीराम का झण्डा लगाकर रेकी कर रहे थे, जिससे हम पर किसी का शक न जाए। शेष दोनों पकड़े गये व्यक्तियों के बारे में शंकरलाल दुसाद द्वारा बताया गया कि यह उसके साथी है और वह इनको अपने साथ मदद के लिए लाया था। उक्त तीनों की गिरफ्तारी के पश्चात प्रतिबन्धित संगठन सिक्ख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के मुखिया गुरपतवन्त सिंह पन्नू द्वारा इनको अपने प्रतिबन्धित संगठन का सदस्य बताते हुए, इनके समर्थन में एक आॅडियो भी प्रसारित किया है। जिस सम्बन्ध में जाँच की जा रही है।अब तक की जांच में पकड़े गये अभियुक्तों के पास से फेक आईडी - अभियुक्त शंकरलाल दुसाद की फोटो लगी दो भिन्न-भिन्न नाम के आधार कार्ड प्राप्त हुए हैं। फर्जी सिम कार्ड - अभियुक्त शंकरलाल दुसाद के कब्जे से उसके द्वारा प्रयोग किया जा रहे सिमकार्ड के बारे में जाँच की गयी, तो ज्ञात हुआ कि यह सिम कार्ड इसके द्वारा अपनी पहचान छिपाने उद्देश्य से धर्मवीर महाला पुत्र गिरधारीलाल महाला निवासी धानी डबला, जादौद, सीकर, राजस्थान के नाम-पते पर लिया गया है।
वाहन - स्कॉर्पियों गाड़ी के पंजीकरण दस्तावेज अभियुक्त शंकरलाल दुसाद के नाम पर हैं, जबकि वाहन पोर्टल पर देखने पर वाहन का पंजीकरण श्रवण कुमार सरसवा पुत्र फूसाराम सरसवा निवासी 418, दबुवा कालोनी फरीदाबाद के नाम पर है। गतिविधियां - अभियुक्तगणों द्वारा सफेद रंग की स्कॉर्पियों गाड़ी से अयोध्या के विभिन्न संवेदनशील क्षेत्रों का भ्रमण एवं रेकी किया जाना। संदिग्ध आॅडियो - अभियुक्तों को हिरासत में लेने के पश्चात् प्रतिबन्धित संगठन सिक्ख- फॉर जस्टिस (एसएफजे) के मुखिया गुरपतवन्त सिंह पन्नू द्वारा इनको अपने प्रतिबन्धित संगठन का सदस्य बताते हुए, इनके समर्थन में एक आॅडियो भी प्रसारित किया है। उक्त तीनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर, उनके विरूद्ध थाना एटीएस उत्तर प्रदेश में विभिन्न धारा में मुकदमा दर्ज किया जा रहा है।
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