आगरा नगर निगम की तर्ज पर फिरोजाबाद नगर निगम में बकाया टैक्स पर दी जाये 10 % की छूट --सोली जैन

आगरा नगर निगम की तर्ज पर फिरोजाबाद नगर निगम में बकाया टैक्स पर दी जाये 10 % की छूट --सोली जैन

फिरोजाबाद, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव सामाजिक कार्यकर्ता सतेन्द्र जैन सौली ने फिरोजाबाद नगर निगम द्वारा गृहकर जलकर बकाया पर 24 परसेंट ब्याज और थोप कर की जा रही वसूली को लेकर कहा कि आगरा नगर निगम  की तरह फिरोजाबाद नगर निगम को भी 10% परसेंट छूट देकर  टैक्स जमा करने के लिये प्रोत्साहित करना चाहिये
उन्होंने कहा कि आगरा नगर निगम अगर किसी भवन स्वामी पर टैक्स बकाया है, तो 10% की छूट और देकर बकाया जमा करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। 
ऐसा प्रस्ताव आगरा नगर निगम ने अपने बोर्ड में पास करके लागू किया है।
जब कि फिरोजाबाद नगर निगम द्वारा बकाया पर उल्टा 24% परसेंट का चक्रवर्ती ब्याज लगाकर भवन स्वामियों की घेराबंदी करके डरा धमका के वसूली की जा रही है।
उन्होंने कहा कि नगर की मेयर  एवं नगर विधायक  को यह दिखाई नहीं दे रहा है, कि गृह कर जलकर बकाए पर बड़ी संख्या में ऐसे भवन स्वामी भी हैं। जिनके पुराने पैतृक मकान हैं। वह जीवन यापन के लिए आज आवश्यक धन भी बड़ी मुश्किल से जुटा पाते हैं। कुछ ऐसे बुजुर्ग भी है, जिनके पास मकान तो है। परंतु वृद्धा,विधवा पेंशन के सहारे जीवन यापन कर रहे हैं। कुछ ऐसे दैनिक मजदूर,नौकरी करने वाले और ठेला लगाने वाले भी हैं। जिन पर यदि महीने में एक हजार डेढ़ हजार रुपए का अतिरिक्त भार पड़ जाए तो उनके घर की अर्थव्यवस्था बिगड़ जाती है।
यह वह लोग हैं, जो गंभीर बीमारी में भी सरकारी हॉस्पिटलों की लंबी लाइन में लगते हैं। जिनके बच्चे धन के अभाव में एक दो क्लास पढ़ कर पढ़ाई छोड़ देते हैं, यह वह लोग हैं ,जो दस बीस रूपए बचाने के लिए घंटो डग्गेमार वाहनों में खड़े होकर सफर करते हैं , जिससे उनके घर की व्यवस्था ठीक से चल सके ,ऐसे भवन स्वामियों पर बकाया हो जाना स्वाभाविक है।
  वही नगर निगम ने ऐसे भवन स्वामियों पर 10-15-20 हजार रुपए बकाया होने पर  शिकंजे कस कर उनके जीवन को टैक्स और ब्याज के जाल में फंसाकर अशांत बना दिया है।
 जबकि ऐसे भवन स्वामियों की मजबूरी को नगर निगम ने अवसर मानकर 24 परसेंट ब्याज और थोप कर उगाई का जरिया बना दिया है।
उन्होंने कहा कि राज्य व्यवस्था का मूल स्वभाव उदार और कल्याणकारी होता है। जिसे स्थापित रखने की जिम्मेदारी सत्ताधारी जनप्रतिनिधियों की बनती है, सत्ताधारी जनप्रतिनिधियों की संवेदनहीनता अन्याय और उत्पीड़न को जनता देख रही है। समय आने  पर वह उन्हें सबक सिखाने का काम भी करेगी।

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