लखनऊ मेट्रो का विस्तार, चारबाग से बसंतकुंज के रूट को मिली वित्तीय मंजूरी
By Tarunmitra
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लखनऊ। चारबाग से बसंतकुंज तक मेट्रो ईस्ट वेस्ट काॅरिडोर को वित्तीय मंजूरी मिल गई है। अब केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी शेष है, जिसके बाद निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। यह काम चार से पांच साल में पूरा होगा। जिसके बाद शहर की एक बड़ी आबादी को मेट्रो से आवागमन की सुविधा मिलेगी। कॉरिडोर की कुल लंबाई 11.165 किलोमीटर है, जिसके निर्माण पर 5801 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
शहर में अभी मेट्रो अमौसी (चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट) से मुंशीपुलिया तक चलती है। अब दूसरे फेज में इसका संचालन चारबाग से बसंतकुंज तक होना है। वित्तीय संस्थान पीआईबी (पब्लिक इंवेस्टमेंट बोर्ड) ने इसकी मंजूरी दे दी है। पीआईबी की मंजूरी के बाद अब केंद्रीय कैबिनेट से हरी झंडी मिलनी है। इसके लिए डीपीआर को कैबिनेट में भेजा गया है। चारबाग से बसंतकुंज की डीपीआर को मार्च 2024 में प्रदेश सरकार मंजूरी दे चुकी है। बीते वर्ष नौ जुलाई को नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप ने भी मंजूरी दे दी है।
एक नजर में चारबाग-बसंतकुंज कॉरिडोर
23 किमी है अभी मेट्रो रूट की कुल लंबाई
35 किमी होगी नया रूट बनने के बाद कुल लंबाई
4.286 किमी होगी एलिवेटेड सेक्शन की लंबाई
6.879 किमी का होगा भूमिगत सेक्शन
12 मेट्रो स्टेशन होंगे (7 भूमिगत व 5 एलिवेटेड)
कैबिनेट से मंजूरी मिलते ही निर्माण होगा शुरू
जिस तरह पहले फेज में मेट्रो काम निर्धारित समय से पहले पूरा किया गया, उसी तरह इस बार भी पूरी कोशिश होगी। कॉरिडोर से जुड़े काफी ग्राउंडवर्क और रिसर्च डाटा को पहले ही तैयार कर लिया है। परियोजना की केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी के बाद निर्माण का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। - सुशील कुमार, प्रबंध निदेशक, यूपी मेट्रो रेल कॉरपोरेशन
यह होंगे भूमिगत स्टेशन चारबाग, गौतम बुद्ध मार्ग (लाटूश), अमीनाबाद, पांडेयगंज, सिटी स्टेशन, मेडिकल काॅलेज चौराहा व चौक
यह होंगे एलिवेटेड स्टेशन
ठाकुरगंज, बालागंज, सरफराजगंज, मूसाबाग, बसंतकुंज, नये कॉरिडोर के लिए इंटरजेंच स्टेशन होगा चारबाग, चारबाग से बसंतकुंज तक मेट्रो कॉरिडोर का काम पूरा होने के बाद यह शहर के बेहद घने अमीनाबाद, चौक, ठाकुरगंज आदि को कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। बसंतकुंज तक अभी आवागमन का कोई आसान साधन नहीं है। मेट्रो शुरू होने के बाद यहां की बड़ी आबादी को फायदा होगा। चारबाग मेट्रो स्टेशन इंटरचेंज स्टेशन के तौर पर काम करेगा जहां से यात्री एक से दूसरे रूट पर जाने के लिए मेट्रो बदल सकेंगे।
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‘तरुणमित्र’ श्रम ही आधार, सिर्फ खबरों से सरोकार। के तर्ज पर प्रकाशित होने वाला ऐसा समचाार पत्र है जो वर्ष 1978 में पूर्वी उत्तर प्रदेश के जौनपुर जैसे सुविधाविहीन शहर से स्व0 समूह सम्पादक कैलाशनाथ के श्रम के बदौलत प्रकाशित होकर आज पांच प्रदेश (उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तराखण्ड) तक अपनी पहुंच बना चुका है।
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