चौबीस घंटे बाद भी ट्रिपल मर्डर करने वाले पुलिस की पकड़ से दूर

पोस्टमार्टम के बाद कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के लिए तीनों शवों को किया गया सुपुर्देखाक

चौबीस घंटे बाद भी ट्रिपल मर्डर करने वाले पुलिस की पकड़ से दूर

  • गांव में अब पुलिस फोर्स तैनात,आरोपियों की गिरफ्तारी न होने से मृतक के परिजन भयभीत
  • आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार दे रही दबिश

लखनऊ। राजधानी के मलिहाबाद के मोहम्मदाबाद तालुकेदारी गांव में महिला समेत तीन की हत्या करने वाले मुख्य आरोपी वारदात के चौबीस घंटे बाद भी पुलिस की पकड़ से दूर है। हालांकि पुलिस ने घटना के बाद थार और उसके ड्राइबर को गिरफ्तार कर लिया था। शनिवार को तीनों के शव का पोस्टमार्टम होने के बाद कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच गांव ले जाकर सुपुर्देखाक कर दिया गया। ऐतिहात के तौर भी अब भी गांव में पुलिस तैनात है। पुलिस अधिकारियों का दावा है कि अहम सुराग हाथ लगे है,जल्द ही मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। चूंकि पुलिस घटना के बाद से लगातार दबिश दे रहे है।

गांव निवासी हिस्ट्रीशीटर लल्लन खां का गांव के ही रहने वाले फरीद खान(लल्लन के रिश्ते में दामाद) से काफी दिनों से जमीन का विवाद चल रहा था। शुक्रवार को मीठेनगर में विवादित जमीन की पैमाइश होनी थी। इसको लेकर फरीद को समन आया था। फरीद के मुताबिक वह शुक्रवार को जब मौके पर जा रहे थे तो उनको पता चला कि पैमाइश हो चुकी है। तो वह वापस घर लौट गए। करीब साढ़े तीन बजे लल्लन खां अपने बेटे फराज खान व दो अज्ञात लोगों के साथ फरीद के घर पर धावा बोल दिया। पहुंचते ही ताबड़तोड़ गोलियां बरसाने लगे। जिसमें फरीद के (15) वर्षीय बेटे हंजला, पत्नी फरहीन (35) और बीच-बचाव करने पहुंचे फरीद के चाचा मुनीर (55) को गोलियां लग गईं। मौके पर ही तीनों की मौत हो गई। घटना करने के बाद आरोपी भाग निकले।

सूचना पर पुलिस अधिकारी पहुंचे। शवों को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी भिजवाया। उधर पुलिस ने लल्लन के ड्राइवर अशरफी को गिरफ्तार कर लिया है। शनिवार को तीनों का शव का पोस्टमार्टम होने के बाद कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच उनके शव को गांव भेजा गया। इसके बाद परिजनों द्वारा तीनों के शव को सुपुर्देखाक किया। वहीं गांव में सावधानी के तौर पर अभी भी पुलिस बल तैनात है। दिन दहाड़े हुई इस वारदात से आज भी गांव में दहशत का माहौल है। वहीं आरोपियों की गिरफ्तारी न होने के कारण भयभीत है। प्रभारी निरीक्षक सुरेश सिंह ने बताया कि शांतिपूर्वक तीनों शवों का सुपुर्देखाक हो गया है। गांव में शांति है फिर भी पुलिस तैनात है। आरोपियों को शीघ्र ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

हत्यारोपी गब्बर सिंह नाम से इलाके में है मशहूर

घटना के बाद गांव के लोगों का कहना है कि हत्यारोपी लल्लन 70-80 के दशक में बुलेट और घोड़े से चलते थे,पुराने लखनऊ में उनका नाम गब्बर सिंह से मशहूर था। उस दौरान में इसके ऊपर हत्या, बलवा, हत्या के प्रयास जैसे कई संगीन मुकदमे दर्ज है। यही वजह है कि इसकी लोगों में दहशत है। वायरल वीडियो में साफ तौर पर दिख रहा है कि लल्लनखां अपने बेटे फराज और थार चालक अशरफ के साथ फरीद के घर पहुंचा।  सबसे पहले फरीद के बेटे हंसला के सिर में गोली मारी तो वह जमीन पर गिर पड़ा। गोली की आवाज सुनकर चाचा मुनीर पहुंचा तो उसके ऊपर ताबड़तोड़ रायफल से फायरिंग शुरू कर दी। इसके बाद फरीद के पत्नी फरहीम पहुंच गयी और रायफल को छीनने का प्रयास किया तो उसे भी गोलियों से भून दिया। इसके बाद जब पूरी तरह से संतुष्ठ हो गए की तीनों की मौत हो गई है तब वहां से फरार हो गए। करीब दो मिनट में पूरी वारदाता को अंजाम दिया गया।

जमीन की पैमाइश करने पहुंचा था लेखपाल, पुलिस को नहीं दी सूचना

जानकारी के लिए बता दें कि लेखपाल भी हमलावरों के साथ फरीद खान के घर थार कार से पहुंचा था। जब फायरिंग शुरू हो गई तो लेखपाल रघुवीर सिंह यादवमौके से भाग निकला। लेखपाल की भूमिका को संदिग्ध देखते हुए उसकी भी जांच की जा रही है। चूंकि बताया जा रहा है कि हिस्ट्रीशीटर लल्लनखां के पास अरबों की जमीन है। जिसकी वजह से माना जा रहा है कि लेखपाल भी उसके प्रभाव में रहा होगा। जबकि नियमानुसार लेखपाल को पैमाइश पर जाने से पहले पुलिस को सूचित किया जाना था। अगर मौके पर पुलिस गई होती तो शायद यह वारदात नहीं होती। इस लिए जिला प्रशासन इसकी भी जांच शुरू कर दी है।

आरोपी हिस्ट्रीशीटर होने के बाद कैसे बन गया बंदूक लाइसेंस और पासपोर्ट

ट्रिपल मर्डर के बाद घटना स्थल पर पुलिस कमिश्नर एसवी शिरोडकर और जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार मौके पर पहुंचे और पूछताछ की तो पता चला मुख्य आरोपी लल्लन खां थाने का हिस्ट्रीशीटर है। साथ ही लल्लन के ऊपर हत्या, बलवा तथा हत्या के प्रयास जैसे 18 मुकदमे दर्ज है। इसके बाद बाद भी उसके पास लाइसेंसी रायफल और पोसपोर्ट है। जबकि हिस्ट्रीशीटर का यह दोनों नहीं बन सकता है। अब पुलिस और प्रशासन इन बिन्दुओं की भी जांच करने में जुट गया है कि आखिर कैसे इसका बंदूक का लाइसेंस और पासपोर्ट बन गया है। चूंकि घटना के बाद पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवालियां निशान भी खड़ा हो गया है।

पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद, मात्र छह फिट जमीन के लिए की वारदात

जिस समय यह वारदात हुई, उस समय ठीक घर के सामने सीसीटीवी कैमरा लगा था। जिसमें पूरी वारदात कैमरे में कैद हो गई। इतना ही लोग डर के मारे घरों में घुसकर मोबाइल से भी पूरी वारदात की वीडियो बना रहे थे। बताया जा रहा है  घटना शुक्रवार दोहर 3.40 मिनट की है। यह सब मात्र छह फिट जमीन के लिए हुआ है।  सीसीटीवी कैमरे में साफ दिख रहा है कि कैसे गब्बर सिंह उन्हें धमकाता हुए गोली मार रहा है। वहीं उसका बेटा उससे रायफल छीनकर फरहीन को गोली मारता है। हमलावारों के सिर पर इस तरह खून सवार था कि किसी को जिंदा नहीं छोड़ना चाहते थे।

आरोपी व लाइसेंस व पासपोर्ट कैसे बना इसकी की जाएगी जांच : पुलिस कमिश्नर

पुलिस कमिश्नर एसबी शिरोडकर ने बताया कि पैमाइश जो हुई है उसे दौरान थाने को सूचना नहीं दी गई थी। विवाद जो चल रहा था वह एसडीएम कोर्ट में चल रहा है। यह पुराना लंबित विवाद था। अभी इस पूरे प्रकरण की जानकारी की जाएगी। पूछताछ के दौरान पता चला कि दोनों पक्षों में रिश्तेदारी थी। वाद विवाद जब बढ़ा तब असलहे का प्रयोग किया है। इसमें शीघ्र की इनकी गिरफ्तारी करके बहुत सख्त कार्रवाई की जाएगी।मुख्य आरोपी हिस्ट्रीशीटर लल्लन के लाइसेंसी बंदूक के लाइसेंस बनने की बात वर्ष 2000 में निकलकर सामने आयी है। इस प्रकरण की विस्तार से जांच की आवश्यकता है। आरोपी का पासपोर्ट भी बना है। इसकी भी जांच की जाएगी। इस घटना में तीन व्यक्ति शामिल थे , जांच के दौरान पता चलेगा कितने लोग शामिल थे।

जमीन को लेकर सीधी विवाद नहीं था : जिलाधिकारी

जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार ने बताया कि अभी परिवार वालों के साथ वार्ता किया है। बहुत ही दुखद आपराधिक घटना है। इसमें जो अपराधी है वह हिस्ट्रीशीटर है और उसने अपने ही परिवार के लोगों की हत्या की है। इसकी जांच प्रारंभ कर दी गई है। पूछताछ के दौरान पता चला कि ये दोनों सगे भाई है। लल्लन के भाई हैं सलीम जिनकी बेटी है जिनको लल्लन और उसके बेटे ने गोली मारकर हत्या की है। इनका आपस में जमीन का विवाद नहीं है। ऐसा मृतक के परिजनों का कहना है लेकिन इनका एक संयुक्त खाता था जिस पर बंटवारे का मुकदमा हुआ है। बंटवारे को वाद पर फैसला वर्ष 2013 में आया था। उसके बाद इसकी निगरानी 2018 में की गई थी जिसकी अपील कमिश्नरी में अभी चल रही है।

इसी बीच में अभी जनवरी में एक पक्षकार उसके आदेश के खिलाफ एसडीएम को प्रार्थना पत्र दिया था। इसमें सभी पक्षों को नोटिस दी गई थी। जिसके तहत आज की तिथि निश्चित की गई थी। लेखपाल को इसकी जानकारी हुई तो वह पैमाइश करने से मना कर दिया। लेखपाल वहां से चले आये थे उनके पीछे अपराधी आये और घर पहुंचने के बाद आपसी विवाद हुआ। इसके बाद गोली चला दी। सीधे इनका कोई जमीन का विवाद नहीं था लेकिन लल्लन को लग रहा था कि जिससे उसका विवाद था उसका सीधे तौर पर सपोर्ट कर रहे है। ऐसा यहां बताया जा रहा है। इसमें तहरीर दी गई है , ड्राइबर की गिरफ्तारी हो गई है। बाकी के गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे है। इसका लाइसेंस व पासपोर्ट कैसे बना इसकी जांच की जा रही है।

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