गुरु अमर दास जन्मोत्सव पर सजा दीवान
लखनऊ। राजधानी के नाका हिंडोला स्थित ऐतिहासिक गुरूद्वारा में गुरू अमर दास का जन्मोंसव धूमधाम से मनाया गया। बुधवार को हजूरी रागी जत्था भाई राजिन्दर सिंह ने अपनी मधुरवाणी में शबद कीर्तन गायन एवं समूह संगत को नाम सिमरन करवाया। साथ ही ज्ञानी सुखदेव सिंह ने गुरु अमरदास के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि गुरू का जन्म अमृतसर में हुआ,पिता तेजभान व माता सुलखणी थी।
गुरु बनने से पहले कई बार तीर्थाे की यात्रा की, पर मन को शान्ति न मिल सकी। एक बार अपने ही घर में ही गुरु अंगद देव की सपुत्री बीबी अमरो से गुरु की बाणी सुनकर गदगद हो गये तभी से गुरु अंगद देव की सेवा में जुट गये।
प्रतिदिन गुरु कोे स्नान कराते और दिन रात उनकी सेवा मे जुटे रहते थे 72 वर्ष की आयु मे सेवा से प्रभावित होकर गुरु अंगद देव ने गुरु गद्दी सौंप दी और गुरु अमरदास बन गये। वहीं अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह बग्गा ने समूह संगत को गुरु अमरदास महाराज के प्रकाश पर्व की बधाई दी।
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