अवैध भट्ठा संचालक के विरुद्ध लूट के मामले में केस दर्ज!
बिना पॉल्यूशन एनओसी के चल रहे वीकेएम ईंट उद्योग पर खबर संकलन के दौरान घटी थी घटना
लखनऊ। दीवानी न्यायालय देवरिया का आदेश बरियारपुर पुलिस पर भारी पड़ गया और काफी टालमटोल के बाद 22 दिन बाद पुलिस ने धारा 156 (3) के तहत वादी सुमंत शुक्ला के प्रार्थना पत्र के आधार पर न्यायालय द्वारा जारी निर्देश के आधार पर लूट, एससी-एसटी व अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया। देवरिया जनपद के नगर पंचायत बरियारपुर सीमा अंतर्गत प्रदूषण विभाग की बगैर सहमति के संचालित वीकेएम ईंट उद्योग को प्रदूषण बोर्ड ने बंदी का आदेश जारी किया था और गत तीन वर्षों से जिला प्रशासन के संरक्षण में अवैध रूप से ईंट भट्ठा संचालित था।
अवैध ईंट भट्ठे जहाँ पर बाल श्रमिक कार्य करते हुए पाए गए थे साथ ही ईंट भट्ठे पर भट्ठा मालिक विजय कुमार मल्ल व उनके पुत्रों व उनके सहयोगियों द्वारा सारे मानकों को अंगूठा दिखाते हुए अवैध कच्ची दारू का उत्पादन भी धड़ल्ले से किया जा रहा था। मामला प्रकाश में आने पर खबर संकलन के दौरान ईंट भट्ठा मालिकों ने संवाददाता व उनके साथी पत्रकार के अलावा चालक से बदतमीजी की थी जिसको लेकर बरियारपुर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की और फर्जी धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया था। घटना में बरियारपुर थानाध्यक्ष दिग्विजय सिंह और जिला प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई न किये जाने पर मामले में न्यायालय ने मामले का संज्ञान लिया और बरियारपुर थाने को केस दर्ज करने का आदेश किया था, जिस आधार पर बरियारपुर पुलिस ने 392,342,147,504 व एस एस टी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
वादी ने न्यायालय को दिए गए अपने प्रार्थना पत्र में कहा कि जनपद में संचालित इंट-भटठो पर बाल श्रमिक कार्यरत हैं एवं उक्त भटठों पर अवैध तरीके से शराब भी बनायी जाती है तथा देवरिया जनपद के बहुत सारी ईट-भटठों को उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, लखनऊ द्वारा मानक पूर्ण न करने के कारण जांचोपरान्त उन्हें बन्द करने को आदेश पारित किया गया तथा जिला प्रशासन देवरिया को पत्र भी प्रेषित किया जा चुका है। सूचना के आधार पर प्रार्थी समाचार संकलन के लिये वाहन चालक आशीष कुमार के साथ गत 12 फरवरी 2024 को देवरिया आया तथा अपने साथ हिन्दी दैनिक तरुण मित्र समाचार पत्र के जिला प्रतिनिधि प्रेम शंकर मणि त्रिपाठी को साथ में लेकर उसी दिन समय करीब 1 बजे दिन में मेसर्स बी केएम ईट उद्योग भडसरा थाना-बरियारपुर, जनपद-देवरिया पर गया तथा समाचार संकलन करने लगा।
समाचार संकलन करते समय भट्ठा मालिक विजय कुमार मल्ल मिल गये जिनसे ईंट-भटठे पर कार्यरत बाल श्रमिकों व उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड लखनऊ द्वारा पारित आदेश के सम्बन्ध में पूछताछ करने लगा, जिस पर ईंट-भटठा मालिक काफी उग्र हो गये तथा हम, संवाददाता प्रेमशंकर मणि व चालक आशीष कुमार को माँ-बहन की गालियां देने लगे, शोर सुनकर विजय कुमार मल्ल पुत्र रामसूरत पुत्रगण रवि प्रताप मल्ल, प्रदीप कुमार व भानु प्रताप मल्ल आ गये तथा यह सभी लोग भी प्रार्थी, प्रेमशंकर मणि व चालक आशीष कुमार को माँ-बहन की भद्दी-भद्दी गालिया देने लगे। इसी दौरान उक्त लोगों के सहयोग में प्रमोद पाण्डेय पुत्र कृष्णानाथ पाण्डेय जो बरियारपुर, वार्ड नं0-5. जेठहसी थाना-बरियारपुर, जिला-देवरिया के निवासी हैं , मौके पर आ गए तथा अपने पास रखे असलहे को निकाल लिये तथा प्रार्थी के सह?योगी प्रेमशंकर मणि त्रिपाठी के उपर तान दिये व प्रार्थी की डायरी व प्रेस सम्बन्धित आवश्यक कागजात छीन लिये तथा रवि प्रताप ने प्रार्थी के सहयोगी के जेब में रखा पचीस सौ रूपया जबरदस्ती निकाल लिया। प्रार्थी का चालक अनुसूचित जाति का है। जिसे सभी जानते व पहचानते थे। वे सभी लोग आशीष कुमार को चमारियां, पासी जातिसूचक बाल करते हुए मारने-पीटने लगे प्रार्थी व प्रार्थी के सहयोगी व चालक आशीष कुमार की हत्या करने के नियत से भयाक्रांत करते हुए बंधक बना लिये।
थानाध्यक्ष-बरियारपुर द्वारा हम लोगों को बरियारपुर थाने पर लाया गया तथा भट्टा मालिक विजय कुमार मल्ल के राजनैतिक प्रभाव व क्षेत्रीय वर्चस्व के कारण उनसे प्रार्थना-पत्र लेकर प्रार्थी व प्रार्थी के सहयोगी व चालक आशीष कुमार के विरुद्ध मुअस-15/2024 10धा-384, 506, 504 आईपीसी के तहत केस दर्ज कर लिये तथा हम लोगों को लाकअप में बैठाये रहे। प्रार्थी एवं प्रार्थी के सहयोगी प्रेमशंकर मणि व चालक आशीष कुमार द्वारा 14 फरवरी 2024 को जमानत प्रार्थना-पत्र के साथ जमानतदारों को प्रस्तुत किया गया। बावजूद इसके जिला प्रशासन द्वारा मनमाने तरीके से बिना किसी कारण के हम लोगों के जमानतदारों का सत्यापन कराये जाने लगा।
प्रार्थी व उसके सहयोगी को जिला प्रशासन, देवरिया से जान का खतरा बना हुआ है। जिला प्रशासन देवरिया कभी भी हम लोगों के विरूद्ध ख्याति व छवि धूमिल करने के लिए किसी भी तरह की कार्रवाई कर व करा सकता है। थाना प्रभारी दिग्विजय सिंह द्वारा हम पत्रकारों को बदनाम करने के नियत से फर्जी व झूठा मुकदमा दर्ज कर उत्पीड़न की कार्रवाई की गई है। प्रार्थी ने घटना की सूचना जरिए रजिस्टर्ड डाक से पुलिस अधीक्षक को दिया परन्तु पुलिस अधीक्षक द्वारा कोई कार्यवाही नहीं कि गयी। न्यायालय ने माना कि वादी के साथ घटी घटना संज्ञेय प्रकृति का है जिसको संज्ञान में लेकर थानाध्यक्ष बरियारपुर को केस दर्ज करने का आदेश जारी किया है। पुलिस ने न्यायालय के आदेश को टालमटोल करते हुए 22 दिन बाद केस दर्ज किया है।
टिप्पणियां