बीपी त्यागी का राजनीति से संन्यास: एक सकारात्मक कदम : बालेश्वर त्यागी

डॉक्टर साहब बनाएं जन सेवा को ही अपना मुख्य मिशन : बालेश्वर त्यागी

बीपी त्यागी का राजनीति से संन्यास: एक सकारात्मक कदम : बालेश्वर त्यागी

गाजियाबाद। ( तरूणमित्र ) पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता शिक्षाविद बालेश्वर त्यागी ने समाचार पत्रों में कुछ छपी खबरों का संज्ञान लेते हुए बताया कि डॉ. बीपी त्यागी गाजियाबाद के ईएनटी के बड़े चिकित्सक हैं। अपने क्षेत्र ख्याति प्राप्त विशेषज्ञ हैं। चिकित्सा के साथ-साथ सेवा के क्षेत्र में भी उनकी प्रतिष्ठा है। मुझे याद है कि 19 85-86 में भी वे चिकित्सा शिविर आयोजित करते थे, जिनके माध्यम से लोगों को न केवल चिकित्सा परामर्श निशुल्क प्रदान करते थे बल्कि बल्कि लोगों को प्रेरित करके दवाइयां भी निशुल्क दिलाते थे। उनका चिकित्सा क्षेत्र में सेवा का ये अभियान अभी भी उसी गति से गतिमान है। कारगर के बंदियों तक को कानों के ऑपरेशन जैसी बड़ी सुविधा उपलब्ध कराना उनके सेवा भावी मानवीय पक्ष को उजागर करता है। कोरोना के भयंकर काल में भी डॉ. बीपी त्यागी ने लोगों को चिकित्सीय परामर्श उपलब्ध कराकर एक सच्चे चिकित्सक के दायित्व का निर्वाह किया। जब मुझे पता चला की डा. बीपी त्यागी ने राष्ट्रीय नवनिर्माण पार्टी से त्यागपत्र दे दिया है। और पुनः अपने पुराने सेवा के कार्यो को उसी गति से गतिमान रखने का निर्णय किया है। मैं डॉ. बीपी त्यागी को उनके इस निर्णय के लिए ह्रदय की गहराइयों से शुभकामनाएं देता हूँ। डॉक्टर साहब मानवता की जो सेवा चिकित्सा के माध्यम से कर रहे हैं, राजनीति में वह सेवा कदापि सम्भव नहीं है। डॉ. बीपी त्यागी का राजनीति में जिस प्लेटफार्म से जाने का फैसला था, वह उनके संस्कार और उनकी प्रतिष्ठा के अनुकूल नहीं था। देश में कई राजनैतिक दल हैं। कई देश के निर्माण में अपने तरह से सेवा करते रहे हैं। डॉ. साहब किसी भी दल के माध्यम से सेवा को चुनते सभी जगह उनका स्वागत होता।लेकिन डॉक्टर साहब ने जिस दल को चुना, वह मुझ समेत उनके प्रशंसकों को समझ मे नहीं आया। जाति आज की समाज की सच्चाई है। समाज की सेवा भी एक उत्कृष्ट सेवा है। लेकिन हिंसा, गुंडागर्दी, अराजकता, समाजिक व्यवस्था को ध्वस्त करके लोगों को अपमानित करने वाले कभी सामाजिक परिवर्तन और समाज सेवा के वाहक नहीं बन सकते। जहां बाहुबलियों माफियाओं और अपराधियों का पराभव का काल चल रहा है, वहां कुछ स्वयं गुमराह लोग कोई नई व्यवस्था को खड़ी नहीं कर सकते हैं। सच्चाई, ईमानदारी, न्याय, निष्ठा और संघर्ष की नींव पर ही कोई भव्य भवन खड़ा हो सकता है। छल और प्रपंच से खड़ी की गई कथित जाग्रति चेतना के एक झौंके से ध्वस्त हो जाती है। अगर त्यागी समाज के लोग कभी भविष्य में भी नोएडा के आंदोलन को याद करेंगे तो वे उसे समाज के सबसे गलत निर्णय के रूप में देखेंगे। मानवता ईश्वरीय गुण है। मानवता की सेवा ईश्वर की सबसे प्रिय सेवा है। समाज मे बहुत से ऐसे लोग हैं जो अपनी सेवा करने में स्वयं समर्थ हैं ,उनके लिए कार्य कभी सेवा नहीं कहलाते । सेवा तो उनकी ही कहलाती है जिनको सेवा की सबसे अधिक आवश्यकता है। डॉ. बीपी त्यागी ने राजनीति छोड़कर उन असहाय लोगों की सेवा में पुनःलौटने का जो निर्णय किया है ,वह स्वागत योग्य है।

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