अखिलेश बोले- बजट ढोल की तरह अंदर से खोखला
मायावती बोलीं, मध्यम वर्ग का तुष्टिकरण किया
लखनऊ। योगी सरकार द्वारा पेश किए गए बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि ये भाजपा सरकार का नौवां बजट है। ये बजट नहीं बल्कि बहुत बड़ा ढोल है जिसमें आवाज तो बहुत है पर अंदर से खोखला है। उन्होंने कहा कि इसे देखकर किसानों की उम्मीदों का खेत सूख गया है। महिलाओं के माथे पर घर चलाने की चिंता की लकीरें उभर आई हैं। आम जनता के लिए इसमें कुछ नहीं है लोग कह रहे हैं कि सरकार का प्रवचन तो गया है अब बजट कब आएगा।
उन्होंने कहा कि बजट देखकर मंत्री और विधायक भी निराश हैं क्योंकि इसमें उनके अपने विभाग के लिए कुछ नहीं है। आखिर उन्हें ही जनता को फेस करना है। भाजपा ने इस बजट में भी अपने संकल्प पत्र के वादे पूरे नहीं किए हैं। ये उनका नौवां बजट है।अखिलेश यादव ने कहा कि बजट में महंगाई और बेरोजगारी को नियंत्रित करने के लिए कुछ भी नहीं है। प्रदेश का अब तक का सबसे बड़ा बजट पेश होने पर उन्होंने कहा कि बजट बड़ा होने से कुछ नहीं होता है सवाल ये है कि इसमें युवा, किसान और बेरोजगारों और महिलाओं को क्या मिला है। इस वर्ष के बाद योगी सरकार अपना आखिरी बजट पेश करेगी जिसके बाद नई सरकार सत्ता में आएगी। बिना विजन वाला बजट है।
मुख्यमंत्री योगी द्वारा संगम के जल को साफ और स्नान योग्य बताने पर अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जो दावा किया है वो तो यही है कि संगम का जल पीने और नहाने के योग्य नहीं है तो क्या लखनऊ वाले दिल्लीवालों को भी सनातनी नहीं मानते हैं। बता दें कि सीएम योगी ने बुधवार को विधानसभा में जवाब देते हुए कहा था कि विपक्ष के लोग संगम के जल को लेकर अफवाह फैला रहे हैं क्योंकि वो सनातन का विरोध करते हैं। बजट को लेकर बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
उन्होंने कहा कि सरकार का यह बजट भी पेट भरे मध्यम वर्ग के तुष्टीकरण करने वाला है।मायावती ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि विधान भवन में गुरुवार को राज्य ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए बजट पेश किया है। यह बजट यदि व्यापक जनहित व जनकल्याण का ज्यादा होता तो यह बेहतर होता। महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, पिछड़ेपन को दूर करने व आमजन की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के प्रति पर्याप्त सरकारी नीयत-नीति का अभाव। इससे सही विकास कैसे संभव है।
उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर यूपी भाजपा सरकार का बजट भी पेट भरे मध्यम वर्ग के तुष्टीकरण वाला है। जबकि सरकारों की असली चिन्ता व संवैधानिक दायित्व करोड़ों परिवारों की दरिद्रता को दूर करके सुख-चैन पहुंचाने वाला सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय के उद्देश्य की पूर्ति का होना चाहिए। ऐसा ना होना चिन्तनीय। उत्तर प्रदेश के शहर, गांव, क्षेत्र एवं समाज बुनियादी सुविधाओं के अभाव व अनेकों विषमताओं से जूझ रहे हैं। लोगों को जब सड़क, पानी, स्कूल, अस्पताल, रोजी-रोजगार के बेहतर व्यवस्था करने की मांग है। तब उन्हें दूसरे सपने दिखाना यह समस्या का सही समाधान नहीं।
मायावती ने कहा कि भाजपा से पहले यूपी बदहाल था। यह दावा उचित नहीं, क्योंकि बसपा की सरकार में जनहित व जनकल्याण तथा अपराध-नियंत्रण व कानून-व्यवस्था के मामले में हर स्तर पर कानून द्वारा कानून का बेहतरीन राज था। जिसे लोग अब तरस रहे हैं, जबकि भाजपा की नीतियों से बहुजन समाज बदहाल है।
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