आयुष ऐप पर अटेंडेंस न भेजने पर हुई कार्रवाई
राजकीय आयुर्वेद अस्पताल से किया सम्बद्ध
लखनऊ। राजकीय आयुर्वेद चिकित्सालय सचिवालय के चिकित्साधिकारी डॉ. दिनेश वर्मा को निलंबित कर दिया गया है। डॉ.वर्मा पर इसके पहले भी ड्यूटी में उलंघन करने के आरोप लगते रहे है। विभाग में मामला तूल पकड़ने पर शासन ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए आखिरकार निलंबन की कार्रवाई के आदेश जारी ही कर दिए। बता दें कि डॉ. वर्मा राजकीय आयुर्वेद चिकित्सालय सचिवालय में बतौर आयुर्वेद चिकित्साधिकारी के पद पर कार्य कर रहे थे। बीते वर्ष शासन द्वारा दिसंबर में शासनादेश जारी किया गया था। जिसमें बताया गया था कि सभी चिकित्साधिकारी,फार्मासिस्टों ,एवं क्षेत्रीय चिकित्साधिकारियों को आयुष अटेंडेंस ऐप को अपने -अपने मोबाइल में डाउनलोड करके अपनी उपस्थिति दर्ज करेंगे। जिसे डॉ.वर्मा द्वारा जारी शासनादेश का अनुपालन न करना,उसका उलंघन करना तथा अन्य चिकित्सा कर्मियो को उकसाया जाना,अमर्यादित व्यवहार करने जैसे गंभीर आरोप लगे है।
ऐसे आरोपों पर शासन ने सरकारी नियमावली की विभिन्न धाराओं में उन्हें निलंबित कर दिया है। बीते मंगलवार को राज्यपाल द्वारा स्वीकृति मिलते ही प्रमुख सचिव लीना जौहरी ने निलंबन आदेश जारी कर दिया है और इतना ही नहीं,उच्च स्तरीय निरीक्षण में कई बार डॉ.वर्मा अपने कार्यस्थल पर अनुपस्थित भी पाए जाने के आरोप लगे है। इन्ही आरोपों के चलते सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली के तहत तात्कालिक प्रभाव से निलम्बित कर दिया गया।
वहीं क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ.राज कुमार यादव ने बताया की क्षेत्र के समस्त स्वास्थ्य कर्मी सबक ले और शासन के दिये निदेर्शों का अनुपालन करना सुनिश्चित करे। जिससे आम जन को गुणवक्तायुक्त चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध करायी जा सके। वहीं इस पूरे मामले की जांच के लिए शासन द्वारा निदेशक आयुर्वेद डॉ.पीसी सक्सेना को नामित किया है । अब देखना यह दिलचस्प हो गया है कि सच्चाई उजागर की जायेगी या मामकेको ठंडे बस्ते में डाल दी जाएगी। अब डॉ. वर्मा को निलम्बन की अवधि तक राजकीय आयुर्वेदिक कालेज एवं महाविद्यालय से सम्बद्ध दिया गया है।
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