जमीन की पैमाइश के नाम पर रिश्वत लेते लेखपाल गिरफ्तार
एंटी करप्शन की टीम ने विभूतिखंड थाने में दर्ज कराया मुकदमा
- आठ से पांच और फिर तीन लाख रुपये में तय हुई डील
- एंटी करप्शन की टीम ने एक लाख रुपये के साथ रंगे हाथ लेखपाल को पकड़ा
लखनऊ। राजधानी के विभूतिखंड के रहने वाले एक प्राइवेट कंपनी अधिकारी की चिनहट कमता स्थित जमीन की पैमाइश के नाम पर सदर तहसील में तैनात लेखपाल को एक लाख रुपये रिश्वत लेते हुए शुक्रवार को एंटी करप्शन की टीम ने गिरफ्तार किया। एंटी करप्शन की इस कार्रवाई से सदर तहसील में खलबली मच गई है। वहीं आरोपी के खिलाफ एंटी करप्शन टीम ने विभूतिखंड थाने में केस दर्ज कराया है। विभूतिखंड के विराजखंड इलाके में एक प्राइवेट कंपनी अधिकारी रहते हैं। उनकी चिनहट के कमता इलाके में लगभग एक करोड़ रुपये कीमत की जमीन है। वह उक्त जमीन पर निर्माण करवाना चाह रहे थे।
जमीन की पैमाइश के लिए उन्होंने सदर तहसील में तैनात लेखपाल राजू सोनी से संपर्क किया। राजू ने पैमाइश और रिपोर्ट लगाने के एवज में उसने 8 लाख रुपये की मांग की थी। सारे पेपर पूरे होने के बावजूद भी रुपये की मांग होने पर पीड़ित ने इसकी जानकारी अपने अधिवक्ता को दी। अधिवक्ता ने पीड़ित को लेखपाल के रिश्वत मांगने की शिकायत एंटी करप्शन विभाग से करने की सलाह दी। पीड़ित ने शिकायत एंटी करप्शन से की। इस पर एंटी करप्शन की एक ट्रेप टीम को गठन किया गया। पीड़ित प्राइवेट कंपनी अधिकारी ने लेखपाल राजू सोनी से रुपये कम करने के लिए कहा तो उसने आठ लाख की जगह पांच लाख रुपये देने की बात कही।
पीड़ित ने और रुपये कम कराए तो आखिर में लेखपाल ने तीन लाख रुपये से एक रुपये कम न करने की बात कही। तीन लाख रुपये में डील तय हुई। शुक्रवार को लेखपाल ने पीड़ित को एक लाख रुपये बतौर एडवांस देने के लिए विराजखंड मार्केट बुलाया। इस बीच पीछे से एंटी करप्शन की ट्रेप टीम ने लेखपाल राजू सोनी को एक लाख रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। आरोपी लेखपाल को विभूतिखंड थाने की पुलिस के हवाले किया गया है और एंटी करप्शन की तरफ से उसके खिलाफ केस भी दर्ज कराया गया है। इंस्पेक्टर विभूतिखंड सुनील कुमार सिंह ने बताया कि केस दर्ज किया गया है। मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
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