गुजरात की विशेषज्ञताओं का लाभ उठाकर राजस्थान बनेगा ग्रीन एनर्जी हब

गुजरात की विशेषज्ञताओं का लाभ उठाकर राजस्थान बनेगा ग्रीन एनर्जी हब

जयपुर। राजस्थान ऊर्जा के क्षेत्र में गुजरात की विशेषज्ञताओं का लाभ उठाएगा। इसके लिए अधिकारियों एवं विशेषज्ञों का एक दल जल्द ही गुजरात के दौरे पर भेजा जाएगा। यह दल एनर्जी सेक्टर में निवेश एवं उत्पादन को बढ़ावा देने वाली गुजरात सरकार की नीतियों का अध्ययन करेगा और राजस्थान के परिप्रेक्ष्य में इन्हें लागू करने की संभावनाओं को तलाशेगा। वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट में भाग लेने गए प्रदेश के ऊर्जा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हीरालाल नागर ने गुरुवार देर रात को गांधीनगर में गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल से मुलाकात कर इस संबंध में गहन विचार-विमर्श किया। इस दौरान गुजरात के मुख्य सचिव राजकुमार, वहां की प्रमुख शासन सचिव ऊर्जा ममता वर्मा तथा गुजरात ऊर्जा विकास निगम लि. के प्रबंध निदेशक जयप्रकाश शिवहरे सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। बैठक के दौरान गुजरात के मुख्यमंत्री ने बताया कि देश की कुल नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में गुजरात की 16 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी है। कच्छ में 30 हजार मेगावाट की क्षमता वाला दुनिया का सबसे बड़ा हाइब्रिड नवीकरणीय ऊर्जा पार्क स्थापित किया जा रहा है। इसका क्षेत्रफल सिंगापुर के बराबर होगा। यह 20 मिलियन उपभोक्ताओं की बिजली की आवश्यकताओं को पूरा कर सकेगा।

पटेल ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा सोलर, विंड और हाइड्रो एनर्जी के क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए विगत करीब 22 वर्षों से लगातार नीतिगत निर्णय किए गए, जिसके कारण गुजरात क्लीन एवं ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में निवेश के लिए ग्लोबल कंपनियों की पहली पसंद बना हुआ है और एनर्जी सरप्लस स्टेट है। प्रदेश के ऊर्जा मंत्री नागर ने ग्रीन एनर्जी हब के रूप में विकसित करने के लिए गुजरात की नीतिगत पहल का स्वागत करते हुए कहा कि राजस्थान और गुजरात के बीच भौगोलिक रूप से कई प्रकार की समानताएं हैं। प्रदेश का एक बड़ा भाग मरूस्थल होने के कारण राजस्थान में सोलर एनर्जी के क्षेत्र में व्यापक संभावनाएं हैं। उन्होंने पीएम कुसुम योजना में सोलर पम्प तथा रूफटॉप सोलर योजना में रूफटॉप सोलर संयंत्र स्थापित करने पर भी बल दिया। नागर ने जल को ऊंचाई पर लिफ्ट करके प्रेशर के माध्यम हाइड्रो बिजली प्राप्त करने के गुजरात के अनुभव को राजस्थान में भी लागू करने में गहरी दिलचस्पी दिखाई। उन्होंने कहा कि इससे पीक आवर्स में किसानों की बिजली की मांग को पूरी किया जाना सम्भव है। नागर ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वर्ष 2047 तक विकसित भारत के संकल्प को साकार करने तथा प्रदेश को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के निर्देश पर अपने तीन दिवसीय गुजरात दौरे में उन्होंने इस सेक्टर की कई दिग्गज कंपनियों के प्रमुखों एवं शीर्ष प्रबंधन से सार्थक चर्चा की है। जल्द ही इनके आशानुकूल परिणाम आने की उम्मीद है।

 

 

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