बिना राशि दिए संपत्ति का हस्तांतरण कैसे हुआ- हाईकोर्ट
जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने जेडीए व अन्य को नोटिस जारी कर पूछा है कि बिना विक्रय पत्र और राशि का भुगतान किए बिना संपत्ति का हस्तांतरण कैसे किया गया। सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस भुवन गोयल की खंडपीठ ने यह आदेश पब्लिक अगेंस्ट करप्शन की जनहित याचिका पर दिए। याचिका में अधिवक्ता पीसी भंडारी ने बताया की वर्ष 2006 में अजमेर रोड के गजसिंहपुरा में हजारों वर्ग गज भूमि को मुकुंद गोयल ने जेडीए में समर्पित कर 90बी के तहत आवासीय में परिवर्तित कराया और जेडीए से एकल पट्टा ले लिया। वहीं बाद में संपत्ति का पंजीकरण भी हो गया। वहीं वर्ष 2020 में मुख्यमंत्री आवास योजना के नाम से प्रार्थना पत्र पेश कर पहले वाली लीज डीड को निरस्त करवा लिया गया और केडिया ग्रांड होटल्स एंड पैलेस लिमिटेड निदेशक गौरव केडिया के नाम से पट्टा ले लिया। याचिका में कहा गया की एक बार संपत्ति की रजिस्ट्री होने के बाद उसे दूसरे पक्ष को बेचे बिना पट्टा ट्रांसफर नहीं होता है। इसके लिए स्टांप ड्यूटी के साथ ही आयकर भी देना पडता है। जबकि इस मामले में मिलीभगत कर लीजडीड को रद्द कराया गया और केडिया ग्रांट होटल एंड पैलेस के नाम ट्रांसफर किया गया।
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