फर्जी तरीके से मतदान करने वाले चार युवक गिरफ्तार
जयपुर। श्याम नगर थाना पुलिस ने फर्जी तरीके से मतदान करने वाले चार युवकों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने चारों को गिरफ्तार कर कोर्ट के सामने पेश किया, जहां से चारों को जमानत मिल गई। पुलिस की आर से मामला दर्ज कर इनके अन्य साथियों के बारे में भी जांच कर रही है कि यह जानने की कोशिश की जा रही है इनको किसने फर्जी मत देने के लिए भेजा था। गौरतलब है कि 25 नवम्बर को पुलिस को मतदान केंद्र से सूचना मिली थी कि चार युवक ऐसे आए हैं, जिनकी पहचान वोटर आईडी से अलग है। चारों से पूछताछ की गई तो कांग्रेस के पक्ष में वोट करना स्वीकार किया था। यह इलाका सिविल लाइंस इलाके में आता है।
श्याम नगर थाने के एएसआई रफीक खान ने बताया कि सिविल लाइंस इलाके में मतदान बूथों पर उनकी और अन्य पुलिसकर्मियों की ड्यूटी मोबाइल पार्टी में लगाई गई थी। इस दौरान अजमेर रोड स्थित रावत पीजी कॉलेज पर मतदान दल के नजदीक दो युवक खड़े थे जो पुलिस को देखकर घबरा गए। एएसआई रफीक ने तुरंत दोनों से पूछताछ शुरू कर दी। उनको साइड़ में लेकर बातचीत की तो उन्होंने फर्जी वोट देने आना कबूला। इस पर पुलिस ने नागौर के रहने वाले सुरेश जांगिड़ और नेमाराम को पकड़ा गया। वहीं जालोर के रहने वाले वसनाराम को भी फर्जी वोटिंग से पहले पकड़ा था। सूचना पर पुलिस टीम मौके पर पहुंची और तीनों युवकों के दस्तावेजों की जांच की गई। यह तीनों युवक किसी अन्य व्यक्ति की आईडी दिखा कर कांग्रेस के पक्ष में वोटिंग करने वाले थे। इन लोगों ने बताया कि वोटिंग करने के लिए उन्हें किसी ने पैसा भी दिया है। इन लोगों से दस्तावेज लेकर उन्हें जब्त किया गया। वहीं दूसरी कार्रवाई ज्ञान विहार जनपथ पर की गई। जहां पर जांच के दौरान निखिल परिहार निवासी वैशाली नगर को पकड़ा। आरोपित निखिल के पास से जो वोटर आईडी मिला वह तो सही था,लेकिन निखिल की फोटो मैच नहीं कर रही थी। इस पर पुलिस ने जब उससे सख्ती से पूछा तो उसने भी बताया कि वह भी कांग्रेस के लिए वोटिंग करने के लिए आया था। किसी ने पैसा देकर उसे भेजा है। पुलिस की अब तक की जांच में साबित हो गया है कि किसी ने कांग्रेस के पक्ष में वोटिंग करने के लिए इन युवकों को भेजा था। इन युवकों को अभी जमानत मिल गई है, लेकिन पुलिस जल्द इन लोगों को दोबारा से थाने बुलाकर पूछताछ करेगी। पुलिस उस कड़ी तक पहुंचना चाहती है, जिसने इन लोगों को वोटिंग करने के लिए भेजा था। वहीं पुलिस जब्त आईडी के सही मालिकों तक भी जल्द पहुंचने वाली है। अब पुलिस जांच में जुटी है कि कैसे किसी ने अपनी आईडी किसी और को वोटिंग के लिए दी। इस मामले में अब जांच की जा रही है और साथ ही उच्च अधिकारियों ने इसकी सूचना चुनाव आयोग तक भेजने की तैयारी कर ली है।
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