महाराष्ट्र में सोलापुर शहर में लगी भीषण आग, आठ श्रमिकों की मौत

महाराष्ट्र में सोलापुर शहर में लगी भीषण आग, आठ श्रमिकों की मौत

सोलापुर। महाराष्ट्र में सोलापुर शहर के अक्कलकोट रोड एमआईडीसी में रविवार को एक तौलिया फैक्ट्री में भीषण आग लगने से आठ श्रमिकों की जलकर मौत हो गई है। बताया गया है कि कपड़ा फैक्ट्री का मालिक परिवार समेत वहीं रहता था।
 
फैक्ट्री से धुआं निकलता देख इलाके के कुछ लोगों ने पुलिस को फोन किया। कुम्भारी उप केंद्र, मार्डी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सोलापुर जिला अस्पताल से सरकारी एंबुलेंस भेजी गईं। पुलिस ने बताया कि आग पर काबू पाने के लिए पुलिस प्रशासन, राजस्व प्रशासन और दमकल विभाग ने अथक प्रयास किया। 
 
इनकी हुई मौत 
मृतकों में फैक्ट्री मालिक हाजी उस्मान हसनभाई मंसूरी, उनके डेढ़ साल के पोते समेत परिवार के तीन सदस्य और चार श्रमिक शामिल हैं। एक अधिकारी ने बताया कि मृतकों में तीन महिलाएं भी शामिल हैं। भीषण आग और लपटों के कारण फायर ब्रिगेड कर्मियों को आग पर काबू पाने में पांच से छह घंटे लग गए। 
 
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री ने घटना पर दुख व्यक्त किया और सभी शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की। मृतकों में तीन महिलाओं समेत कुल आठ लोगों शामिल हैं। आग लगने का कारण प्रथम दृष्टया शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है। 
 
राष्ट्रपति मुर्मू ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘महाराष्ट्र के सोलापुर में एक फैक्टरी में आग लगने से कई लोगों की मृत्यु की खबर बेहद दुखद है। मैं सभी शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करती हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करती हूं।’’ 
 
पीएम नरेंद्र मोदी ने सोलापुर, महाराष्ट्र में आग लगने की घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा, "इस दुर्घटना में लोगों की मृत्यु से मुझे गहरा दुख है। जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया, उनके प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। पीएमएनआरएफ से प्रत्येक मृतक के परिवार को 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि और घायलों को 50,000 रुपये की सहायता प्रदान की जाएगी।"
 

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‘तरुणमित्र’ श्रम ही आधार, सिर्फ खबरों से सरोकार। के तर्ज पर प्रकाशित होने वाला ऐसा समचाार पत्र है जो वर्ष 1978 में पूर्वी उत्तर प्रदेश के जौनपुर जैसे सुविधाविहीन शहर से स्व0 समूह सम्पादक कैलाशनाथ के श्रम के बदौलत प्रकाशित होकर आज पांच प्रदेश (उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तराखण्ड) तक अपनी पहुंच बना चुका है। 

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