तेजी से विकास की नई ऊंचाइयां प्राप्त करता रहेगा: प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री ने 17 हजार करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का किया वर्चुअली लोकार्पण एवं शिलान्यास
भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि मध्यप्रदेश तेजी से विकास की नई ऊंचाइयां प्राप्त करता रहेगा। विकास परियोजनाएं और कार्य मध्यप्रदेश को विकसित राज्य बनाने के साथ जनता के जीवन को आसान बनाएंगी। इनसे निवेश, नौकरियां और स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे। प्रधानमंत्री गुरुवार शाम को भोपाल के लाल परेड ग्राउंड में "विकसित भारत-विकसित मध्यप्रदेश" कार्यक्रम को वर्चुअली संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कार्यक्रम में मध्यप्रदेश में 17 हजार करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का वर्चुअली लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। उन्होंने मध्यप्रदेश में साइबर तहसील परियोजना का शुभारंभ और उज्जैन में विक्रमादित्य वैदिक घड़ी का लोकार्पण भी किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि विकसित मध्य प्रदेश के निर्माण के लिए केंद्र और राज्य की डबल इंजन सरकार खेती, उद्योग और टूरिज्म पर अधिक बल दे रही है। मां नर्मदा पर तीन परियोजनाओं का भूमि पूजन, जनजातीय क्षेत्र में सिंचाई के साथ-साथ पेयजल की समस्या का समाधान भी करेगा। सिंचाई के क्षेत्र में मध्यप्रदेश में नई क्रांति होते दिख रही है। केन-बेतवा लिंक परियोजना से बुंदेलखंड के लाखों परिवारों का जीवन बदलने वाला है। वर्ष 2014 से पहले 10 वर्षों में 40 लाख हेक्टेयर भूमि को सूक्ष्म सिंचाई के दायरे में लाया गया था लेकिन पिछले 10 वर्षों में 90 लाख हेक्टेयर भूमि को सूक्ष्म सिंचाई से जोड़ा गया है।
साइबर तहसील, ग्रामीण परिवारों का समय और धन बचाएगी
उन्होंने कहा कि प्रदेश में साइबर तहसील का शुभारंभ किया जा रहा है। साइबर तहसील के माध्यम से जमीन का नामांतरण रजिस्ट्री और अन्य मामलों का समाधान डिजिटल माध्यमों से त्वरित रूप से हो जाएगा। इससे ग्रामीण परिवारों का समय और धन दोनों बचेगा। यह समय और धन ग्रामीण परिवार कृषि और उससे जुड़े अन्य रोजगार में लगाएगा। इस तरह से उसकी आय में भी वृद्धि होगी और जीवन आसान होगा।
विक्रमोत्सव हमारी गौरवशाली विरासत और विकास का उत्सव
मोदी ने कहा कि विक्रमोत्सव हमारी गौरवशाली विरासत और विकास का उत्सव है। समृद्धशाली विरासत और विकास कार्य कैसे एक साथ उत्सव के रूप में मनाये जाते हैं, यह उसका प्रमाण है। बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन पूरे विश्व में वैदिक गणना की केंद्र रही है। प्राचीन समृद्ध इतिहास को फिर से स्मरण करते हुए विश्व की पहली विक्रमादित्य वैदिक घड़ी उज्जैन में स्थापित की जा रही है। यह हमारे समृद्ध अतीत को याद करने का सिर्फ अवसर नहीं है बल्कि भारत को विकसित बनाने के क्रम का साक्षी बनने का मौका भी है।
700 लाख मीट्रिक टन अनाज भंडारण के लिए होगा सवा लाख करोड़ से अधिक का निवेश
उन्होंने कहा कि किसानों की एक बड़ी समस्या अनाज के भंडारण की रही है। इस समस्या के निवारण के लिए भंडारण की सबसे बड़ी योजना पर कार्य किया जा रहा है। लगभग 700 लाख मीट्रिक टन अनाज के भंडारण के लिए सरकार सवा लाख करोड़ से भी अधिक का निवेश करेगी, जिससे किसानों को उनकी फसल का बढ़ा हुआ और सही दाम मिलेगा।
गांव को बनाएंगे आत्मनिर्भर
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार गांवों को आत्मनिर्भर बनाने पर अधिक बल दे रही है। आत्मनिर्भर गांव ही आत्मनिर्भर प्रदेश और आत्मनिर्भर देश का निर्माण करेंगे। इसके लिए देश में सहकारिता के विस्तार पर अधिक बल दिया जा रहा है। गांव में लाखों सहकारिता समितियों का गठन किया जा रहा है। खेती, पशुपालन, मुर्गी पालन, मछली पालन और अन्य माध्यम से किसानों की आय में वृद्धि का प्रयास किया जा रहा है। किसानों को उनकी भूमि का स्वामित्व और स्वामित्व से जुड़ी अन्य समस्याओं के निवारण के लिए पीएम स्वामित्व योजना के जरिए स्थायी समाधान उपलब्ध कराया जा रहा है। मध्यप्रदेश, स्वामित्व योजना के तहत अच्छा कार्य कर रहा है। प्रदेश के गांवों का ड्रोन के माध्यम से शत प्रतिशत सर्वे किया जा चुका है। अभी तक 20 लाख से अधिक स्वामित्व कार्ड दिए जा चुके हैं। इन स्वामित्व कार्ड के उपयोग से निर्धन परिवार कई तरह के विवादित कार्यों से बचा रहेगा।
निवेश और रोजगार के नए अवसर पैदा करना मोदी का संकल्प
उन्होंने कहा कि प्रदेश में निवेश और रोजगार के नए अवसर उत्पन्न करना मोदी का संकल्प है। आने वाले समय में मध्यप्रदेश देश के प्रमुख औद्योगिक राज्यों में शामिल होगा। आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया का मध्यप्रदेश एक प्रमुख स्तंभ है। मुरैना के सीतापुर में मेगा लेजर एंड फुटवियर क्लस्टर, इंदौर में रेडीमेड गारमेंट इंडस्ट्री पार्क, मंदसौर के इंडस्ट्रियल पार्क का विस्तार और धार इंडस्ट्रियल पार्क का नवीन निर्माण, यह सभी इसी दिशा में उठाए जा रहे प्रमुख कदम है। मध्यप्रदेश में खिलौने बनाने की पुरानी परंपरा रही है, लेकिन पुराने समय में हमारे बाजार और घर विदेशी खिलौनों से भरे पड़े थे। सरकार ने देश में खिलौने बनाने वाले पारंपरिक परिवारों को विश्वकर्मा योजना के तहत मदद दी, जिसके कारण भारत में खिलौनों का आयात कम हो गया। वर्तमान में हम आयात से अधिक विदेशों में खिलौनों का निर्यात कर रहे हैं। बुधनी के खिलौने बनाने वाले साथियों के लिए यह अच्छा अवसर है। देश की कला और कौशल के प्रचार का जिम्मा भी मोदी का है। विदेशी अतिथियों को कुटीर उद्योग में बना सामान उपहार में देता हूं तो आपकी कला और कौशल का प्रचार करने का पूरा प्रयास करता हूं।
एमपी अजब है, सबसे गजब है
मोदी ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में पूरे विश्व में भारत की साख बढ़ी है। भारतीयों को सम्मान की नजर से देखा जाता है। भारत की इस बढ़ी हुई साख का सीधा लाभ निवेश और पर्यटन के क्षेत्र में होता है। आज अधिक से अधिक लोग भारत आना चाहते हैं। भारत आएंगे तो मध्य प्रदेश आना स्वाभाविक है, क्योंकि "एमपी अजब है सबसे गजब है।" पिछले कुछ वर्षों में ममलेश्वर, ओंकारेश्वर और महाकालेश्वर में श्रद्धालुओं की संख्या में भारी बढ़ोतरी हुई है। ओंकारेश्वर में आदि गुरु शंकराचार्य की स्मृति में निर्माण किया जा रहे, एकात्म धाम से यह संख्या और अधिक बढ़ेगी। 2028 में सिंहस्थ कुंभ होने जा रहा है। इंदौर के इच्छापुर से ओंकारेश्वर तक चार लेन सड़क के बनने से श्रद्धालुओं को और अधिक सुविधा होगी। अभी हाल में प्रदेश के 30 रेलवे स्टेशनों का पुनर्निर्माण किया जा रहा है। इससे कनेक्टिविटी और सशक्त होगी कनेक्टिविटी बेहतर होती है तो इसका सीधा लाभ खेती, उद्योग, पर्यटन आदि सभी क्षेत्रों में मिलता है।
आने वाले पांच वर्ष बहनों और बेटियों के अभूतपूर्व सशक्तिकरण के वर्ष
उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्ष नारी शक्ति के उत्थान के वर्ष रहे हैं। मोदी की गारंटी थी कि माता बहनों के जीवन की हर असुविधा और हर कष्ट को दूर करने का ईमानदारी से प्रयास किया जाएगा। इन्हीं प्रयासों को जारी रखते हुए यह विश्वास है कि आने वाले पांच वर्ष हमारे बहनों और बेटियों के अभूतपूर्व सशक्तिकरण के वर्ष होंगे। आने वाले वर्षों में हर गांव में अनेक लखपति दीदी बनेंगी। गांव की बहनें नमो ड्रोन दीदियां बनाकर खेती में नई क्रांति का आधार बनेगी। बहनों की आर्थिक स्थिति में अभूतपूर्व सुधार आएगा। प्रधानमंत्री ने प्रारंभ में डिंडोरी सड़क हादसे पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने मृतकों और घायलों के परिजनों को संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि दुख की घड़ी में वह मध्यप्रदेश के परिवारों के साथ हैं।
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