कोहरे के चलते सर्दी का सितम जारी, अलाव का सहारा ले रहे लोग
मुरैना। जिले में बीते 15 दिवस से ठंड का कहर बना हुआ है। रविवार को भी देर सुबह तक शहर के साथ-साथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर घना कोहरा छाया हुआ था। इससे जनजीवन थमा सा दिखाई दिया। आमजन ने सर्दी के कारण दैनिक जीवन देर से शुरू किया। दूर-दराज से शहर में रोजगार के लिए आने वाले मजदूरों को काम भी नहीं मिल पा रहा है। सर्दी से बचने के लिए लोग सड़क किनारे कूड़ा एकत्रित कर अलाव जला रहे हैं। मौसम विभाग की मानें तो बीते 24 घंटों में न्यूनतम तापमान के एक डिग्री बढ़ा है, लेकिन सर्द हवाओं के चलने के बाद भी छाये कोहरे ने आगामी समय में ठण्ड की संभावनाओं को प्रबल कर दिया है। दरअसल, जिले में नववर्ष के पूर्व से ही आसमान पर छाई धुंध हट नहीं रही है। हालांकि, बीते दो दिन से आसमान साफ है और हल्की धूप भी खिल रही है, लेकिन घना कोहरे बना हुआ है। मौसम विभाग के अनुसार आगामी दो दिवस तक इसी तरह की कड़ाके की सर्दी पढ़ने की संभावना है। रविवार सुबह कोहरे के कारण हाईवे पर विजिबिलिटी 50 मीटर की थी। कोहरे का अत्यधिक प्रभाव शहर की सड़कों के साथ गली-मोहल्ला तक देखा गया। कोहरे के बाबजूद गत दिवस की अपेक्षा आज न्यूनतम तापमान एक डिग्री बढक़र आठ डिग्री पर पहुंचा है। वहीं विगत दिवस उच्चतम तापमान 23 डिग्री तक पहुंच गया। इसके बावजूद भी सर्दी से कोई राहत आम आदमी को नहीं मिल रही।
कोहरे का सबसे ज्यादा प्रभाव हाइवे पर देखा जा रहा है। जहां लग्जरी एवं भारी भार वाहन देर सुबह तक लाईट जलाकर धीमी गति से चल रहे थे। चालकों को यह भय सता रहा था कि कोहरे के कारण कोई दुर्घटना न हो जाये। कोहरे के कारण ग्रामीण क्षेत्रों से शहर में मजदूरी के लिये आने वाले मजदूरों को काम की कमी है। कोहरे व सर्दी के कारण मजदूर सडक़ किनारे पड़े कूड़े व लकड़ी से अलाव जलाकर अपना बचाव कर रहे हैं। ठण्ड के कारण मजदूरी न मिलने से उनके चेहरे पर चिंता की लकीरें दिखाई देतीं हैं। मुरैना गांव के पुरा से आये मजदूर जगदीश ने बताया कि 15 दिन से सर्दी तेज पड़ रही है। इसका सीधा असर उनके रोजगार पर है। वहीं आंचलिक कृषि अनुसंधान केंद्र के एशोसियेट डायरेक्टर डा. संदीप सिंह तोमर ने किसानों से अपील की है कि फसलों को बचाने के लिए सुरक्षित उपाय करें । वहीं पशुओं को घर के अंदर ही बनाए रखें।
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