छतरपुर: पांच साल की मासूम के साथ दुष्कर्म, आरोपी गिरफ्तार
पुलिस और चिकित्सकों के विरोध में परिजनों ने किया चक्काजाम
अस्पताल में न तो स्टाफ मिला और न ही चिकित्सक जिसके बाद परिजन गंभीर अवस्था में बच्ची एक एक टैक्सी के माध्यम से जिला अस्पताल लाए।
छतरपुर, 16 जनवरी। जिले के सटई थाना क्षेत्र से एक बेहद मानवता को तार-तार करने वाली घटना सामने आई है। यहां एक गांव में 45 वर्षीय व्यक्ति ने पांच साल की अबोध बालिका को अपनी हवश का शिकार बनाया। इसके बाद आरोपित बालिका को कड़कड़ाती ठंड में एक खेत के किनारे फेककर भाग गया। बाद में परिजन बच्ची को जिला अस्पताल लाए जहां पुलिस विभाग के तमाम अधिकारी पहुंचे और त्वरित कार्यवाही करते हुए आरोपी को कुछ घंटों के भीतर गिरफ्तार कर लिया गया। जिला अस्पताल में इलाजरत बच्ची अब खतरे से बाहर है और उसकी हालत में सुधार बताया गया है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक सटई थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली पांच वर्षीय बच्ची सोमवार दोपहर तीन बजे घर से लापता हो गई थी। परिजन लगातार उसकी तलाश कर रहे थे, इसी बीच उन्हें सूचना मिली कि बच्ची गांव के पास खेतों में पड़ी हुई है। मौके पर पहुंचे परिजन बच्ची की हालत देखकर तत्काल समझ गए थे कि किसी ने उसके साथ घृणित कार्य किया है। परिजन बच्ची को उठाकर तत्काल सटई थाने पहुंचे। चूंकि एफआईआर वरिष्ठ अधिकारियों के आने के बाद दर्ज की जानी थी और बच्ची की हालत बिगड़ती जा रही थी, इसलिए परिजन बिना मामला पंजीबद्ध कराए बच्ची को इलाज के लिए सटई अस्पताल ले गए। अस्पताल में न तो स्टाफ मिला और न ही चिकित्सक जिसके बाद परिजन गंभीर अवस्था में बच्ची एक एक टैक्सी के माध्यम से जिला अस्पताल लाए।
वहीं इस गंभीर घटना की जानकारी लगते ही पुलिस विभाग अलर्ट हो गया। डीआईजी ललित शाक्यवार, एसपी अमित सांघी, बिजावर एसडीओपी शशांक जैन, सटई थाना पुलिस के अलावा छतरपुर कोतवाली पुलिस परिजनों के साथ ही जिला अस्पताल पहुंच गई। यहां बच्ची को पीआईसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया। मंगलवार सुबह राज्यमंत्री दिलीप अहिरवार भी जिला अस्पताल पहुंचे, जहां उन्होंने परिजनों से मुलाकात कर पुलिस के अधिकारियों को आरोपी के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
पुलिस अधीक्षक अमित सांघी ने बताया कि रात को जिला अस्पताल में बच्ची को भर्ती कराए जाने के बाद हमने पीड़िता और परिजनों के कथन लिए तथा रात को ही पुलिस की अलग-अलग टीमों को रवाना किया गया। बिजावर एसडीओपी शशांक जैन के नेतृत्व में सभी पुलिस टीमों ने पड़ताल शुरु की ओर जल्द ही आरोपी का पता लगाकर संबंधित स्थानों पर दबिश देते हुए आरोपी को महज कुछ घंटों के भतीर घटना संबंधित गांव से गिरफ्तार कर लिया गया।
एसपी सांघी ने बताया कि आरोपी को पकड़ने के बाद हमने तकनीकी एवं वैज्ञानिक तरीके से पूछताछ की, जिसमें आरोपी ने इस घिनौनी घटना को अंजाम देने का जुर्म स्वीकार कर लिया। आरोपी की उम्र करीब 45 वर्ष है और वह जिला झांसी उत्तर प्रदेश का रहने वाला है। वर्तमान में आरोपी थाना सटई क्षेत्र में अपने रिश्तेदार के यहां रह रहा था। आरोपी के विरुद्ध सटई थाना में आईपीसी की धारा 376 के अलावा पॉस्को एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया है।
मंगलवार की सुबह से पीड़िता के परिजनों ने सटई नगर में चक्काजाम कर दिया। परिजन सटई थाना पुलिस और सटई सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्सकों से नाराज थे। प्रदर्शन कर रहे परिजनों का कहना था कि वे रात करीब 7 बजे बच्ची को गंभीर हालत में थाने लेकर पहुंचे थे लेकिन सटई पुलिस ने मामले को गंभीरता से न लेकर परिजनों तथा पीड़ितों को कई घंटों तक थाने में बैठाए रखा और रात को ही एफआईआर दर्ज नहीं की। जब बच्ची की हालत अधिक बिगड़ने लगी तो परिजन उसे सटई अस्पताल ले गए लेकिन सटई के अस्पताल में पदस्थ चिकित्सक और स्टाफ यहां नहीं मिला जिस कारण से बाद में उन्हें निजी वाहन से बच्ची को जिला अस्पताल ले जाना पड़ा। पुलिस और चिकित्सकों की इसी लापरवाही से नाराज परिजन काफी देर तक चक्काजाम किए रहे। बाद में बिजावर एवडीओपी शशांक जैन ने मौके पर पहुंचकर परिजनों को समझाइश दी तब जाकर वे शांत हुए।
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