कैट का प्रधानमंत्री से 22 जनवरी को राम राज्य दिवस एवं राष्ट्रीय अवकाश घोषित करने का आग्रह
नई दिल्ली। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक ज्ञापन भेज कर 22 जनवरी को अयोध्या धाम में श्रीराम मंदिर के अभिषेक और उद्घाटन को सदैव जीवंत रखने के लिए इस दिन को राम राज्य दिवस घोषित करने का आग्रह किया है। कारोबार संगठन कैट ने प्रधानमंत्री से प्रत्येक वर्ष 22 जनवरी को सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की मांग की है।
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भेजे ज्ञापन में कहा कि श्रीराम निस्संदेह भारत के सबसे महान राजा हैं, जिनके शासन में भारत के लोग न केवल समृद्ध और स्वस्थ हुए, बल्कि धर्म और भाईचारे में गहरी आस्था भी स्थापित हुई। वह काल भारत के स्वर्णिम सनातन इतिहास के महानतम कालों में से एक माना जाता है। इसलिए उस दिन को राम राज्य की स्थापना का दिन मानते हुए इस दिन को राम राज्य दिवस घोषित किया जाना देशवासियों की आकांक्षाओं का सम्मान होगा।
खंडेलवाल ने कहा कि यह बेहद महत्वूर्ण दिन श्रीराम के आदर्शों, नीतियों एवं मर्यादाओं को आत्मसात करने एवं अपनाने के लिए तथा भारत में राम राज्य सरीखे शासन एवं प्रशासन की स्थापना के लिए सदैव देशवासियों को प्रेरित करेगा। इस लिहाज से इस दिन के महत्व को देखते हुए 22 जनवरी को राम राज्य दिवस घोषित किया जाए। कैट महामंत्री ने कहा कि अन्य महत्वपूर्ण दिनों पर सार्वजनिक अवकाश की परंपरा को जारी रखते हुए इस दिन को सार्वजनिक अवकाश दिवस भी घोषित किया जाए।
कैट महामंत्री ने बताया कि श्रीराम मंदिर के उद्घाटन समारोह ने देशभर में लगभग 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक के नए व्यापार के अवसर भी उत्पन्न किए हैं, जो इस बात का प्रमाण है कि देशभर में श्रीराम मंदिर को लेकर लोगों में जबरदस्त उत्साह और उमंग है।
खंडेलवाल ने कहा कि भारत का संपूर्ण व्यापारिक समुदाय जो सनातन धर्म के लोकाचार और मूल्यों के प्रचार-प्रसार के मामले में हमेशा अग्रणी रहा है। उन्होंने बताया कि इस दिन को मनाने के लिए एक जनवरी से 22 जनवरी तक कैट देशभर में एक राष्ट्रीय अभियान हर शहर अयोध्या-घर घर अयोध्या के तहत अनेक कार्यक्रमों की एक राष्ट्रव्यापी श्रृंखला सोमवार एक जनवरी, 2024 से प्रारंभ करने जा रहा है।
About The Author

‘तरुणमित्र’ श्रम ही आधार, सिर्फ खबरों से सरोकार। के तर्ज पर प्रकाशित होने वाला ऐसा समचाार पत्र है जो वर्ष 1978 में पूर्वी उत्तर प्रदेश के जौनपुर जैसे सुविधाविहीन शहर से स्व0 समूह सम्पादक कैलाशनाथ के श्रम के बदौलत प्रकाशित होकर आज पांच प्रदेश (उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तराखण्ड) तक अपनी पहुंच बना चुका है।
टिप्पणियां