कौशाम्बी में सपा ने जीत का परचम लहराया भाजपा का किला ध्वस्त ?

 कौशाम्बी में सपा ने जीत का परचम लहराया भाजपा का किला ध्वस्त ?

कौशाम्बी। भारतीय जनता पार्टी यदि 2022 विधानसभा चुनाव से सबक लिया होता तो शायद 2024 लोकसभा चुनाव में पराजय का मुंह न देखना पड़ता कौशाम्बी लोक सभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी से सबसे युवा प्रत्याशी पुष्पेंद्र सरोज जीत का परचम लहरा कर सपा के वजूद को बरकरार रखा जबकि भाजपा 2022 विधानसभा चुनाव में लोकसभा क्षेत्र की पांचो विधानसभा से चुनाव हार गई थी उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य भी 2022 सिराथू विधानसभा क्षेत्र से चुनाव हार गए थे कौशाम्बी लोकसभा चुनाव 2024 केशव प्रसाद मौर्य और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव इंद्रजीत सरोज की प्रतिष्ठा दांव में लगी थी। 2014 और 2019 में मोदी लहर के चलते विनोद सोनकर दो बार सांसद चुनकर देश की सबसे बड़ी पंचायत में पहुंचे थे। आखिर कौन से ऐसे कारक थे एक डबल इंजन की सरकार होने के बावजूद भी भाजपा संगठन और निर्वाचित सांसद मतदाताओं को जोड़ने और लुभाने में  नाकामयाब रहे हैं। 2022 विधानसभा चुनाव मैं भारी पराजय के बाद भाजपा हर के कारण की समीक्षा का समय रहते सुधार का प्रयास नहीं किया। भाजपा के सांसद रहे विनोद सोनकर के कार्य व्यवहार सी केबल पार्टी के कार्यकर्ता बल्कि बौद्धिक वर्ग के लोग भी नाखुश थे यह जानकारी पार्टी आला कमान को होने के बावजूद विनोद सोनकर को तीसरी बार लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी बना दिया गया विनोद सोनकर एवं डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बीच अच्छे संबंध ना होना भी पराजय का कारण माना जा रहा है। इसका फायदा समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार पुष्पेंद्र सरोज को भरपूर मिला जाति समीकरण एम वाई डबल पी यानी मुस्लिम यादव पासी और नाराज ब्राह्मण भाजपा उम्मीदवार के विरुद्ध मतदान कर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी पुष्पेंद्र सरोज के सर पर जीत का सेहरा बांध दिया। अपनी जीत के संबंधमेंी मुझे जाने पर नवनिर्वाचित सांसद समाजवादी पार्टी के पुष्पेंद्र सरोज ने कहा कि मेरी जीत का श्रेय कौशाम्बी की जनता को है। लोकसभा चुनाव जीत के बाद कौशाम्बी समाजवादी पार्टी का अभेद दुर्ग बन गया है वहीं भारतीय जनता पार्टी के लिए राजनीतिक दृष्टि से कौशाम्बी बंजर क्षेत्र बन गया।

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