सुपौल:त्रिवेणीगंज प्रखंड अतर्गत लहरनिया ग्राम में अखिल भारतीय लोकगाथा भगैत महासभा व अखिल भारतीय भ्रमणशील धर्मयज्ञ भगैत महासभा तत्वावधान में 61 वां वार्षिक अधिवेशन सह जिला स्तरीय लोकगाथा भगैत महासम्मेलन का विधि विधान पूर्वक मंत्रोचारण उपरांत महंत जागेश्वर यादव, महासभा प्रवक्ता डॉ. अमन कुमार, यज्ञ संचालक तिलकेश्वर कुमार यादव, बिपिन यादव, ललन कुमार सरदार, शैलेन्द्र यादव, सिकेन्द्र यादव के द्वारा संयुक्त रूप से फीता काटकर उद्घाटन किया गया। अखिल भारतीय लोकगाथा भगैत महासभा के प्रवक्ता डॉ. अमन कुमार ने कहा कि धर्म प्रेम, एकता एवं सद्भाव का प्रतीक है। इंसान को भगवान व श्मसान हर हमेशा याद रखना चाहिए। मानव दानव बनता जा रहा है। भाईचारा, सहयोग व मदद सिमटता जा रहा है। सनातन धर्म सर्वधर्म समभाव एवं वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना से ओत-प्रोत है। डॉ. कुमार ने कहा कि संस्कृति ही किसी समाज और देश का प्राण है। भगैत भारतीय संस्कृति और सभ्यता की सर्वोतम प्रहरी है। लोकगाथा भगैत समाज की किसी वर्ग, धर्म, जाति या व्यक्ति विशेष से संबंधित नहीं है बल्कि सम्पूर्ण समाज की धरोहर है। डॉ. कुमार ने कहा कि भक्ति का अर्थ केवल ईश्वर का नाम रटना मात्र नहीं है बल्कि ईश्वर के ज्ञान, न्याय, दया, परोपकार आदि गुणों को धारण कर उसका ध्यान करना भक्ति है। ईश्वर ने धरती पर लड़ाई झगड़ा करने के लिए नहीं भेजा है।बल्कि आम आवाम के साथ मिलकर अच्छे अच्छे काम करने के लिए भेजा है। कहा कि संसार में इंसान एक मात्र जाति है और मानवता इंसान का सबसे बड़ा धर्म है। जिस व्यक्ति के अंदर इंसानियत नहीं है वह किसी भी धर्म व जाति को अपनाने के लायक नहीं है। अखिल भारतीय भ्रमणशील धर्म यज्ञ भगैत महासभा के महन्त यागेश्वर प्रसाद यादव ने कहा कि समाज में जनचेतना के दृष्टिकोण से भगैत सबसे बड़ा सामाजिक व धार्मिक आन्दोलन है। भगैत सामाजिक शुद्धता एवं धर्मनिरपेक्षता के लिए वरदान साबित हुई है। उपमहन्त सिकेन्द्र यादव व वार्षिक सभापति ब्रह्मदेव यादव ने कहा कि धर्मराज का असली अर्थ धर्म को पालन करने वाला होता है। ठेठ मैथिली के माध्यम से इंसानियत का बड़ा पैगाम देता है। आचार्य रामजी दास व उप मंत्री शत्रुधन यादव ने कहा कि इंसान को धर्म का सही मर्म समझना आवश्यक है। धर्म के नाम पर तांडव कहीं से भी उचित नहीं है। कार्यक्रम में महासभा सचिव सत्यनारायण यादव, कोषाध्यक्ष धनिकलाल यादव, मंत्री देव नारायण यादव, मासिक सभापति उमेश यादव, डोमी यादव, अनंत यादव, कर्पूरी यादव,महात्मा गजेन्द्र यादव,परमानंद कुमार पप्पू, महेन्द्र यादव, उमेश यादव, भूमी यादव, संजय यादव, गजेन्द्र यादव, मालाधारी शम्भू यादव एवं उनके धर्म पत्नी गीता देवी, संकल्पकर्ता देवनारायण यादव, अशोक कुमार यादव, चंद्रकिशोर कुमार, संतोष यादव, किशुनदेव यादव आदि उपस्थित थे।
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