मालगाड़ी की चपेट में आने से महिला रेलकर्मी की दर्दनाक मौत

मालगाड़ी की चपेट में आने से महिला रेलकर्मी की दर्दनाक मौत

लोको पायलट बीरेन्द्र राजभर की पत्नी पूजा खुचमा रेलवे स्टेशन पर पोटर पद पर तैनात थी, दोपहर में करीब 12 बजे डाउन में आ रही मालगाड़ी को झंडा दिखाने के लिये रेलवे ट्रैक कर रही थी पार

 चन्दौली। जनपद के सकलडीहा कस्बा के तेन्दुईपुर गांव निवासी लोको पायलट बीरेन्द्र राजभर की 23 वर्षीय पत्नी पूजा राजभर खुचमा रेलवे स्टेशन पर पोटर के पद पर तैनात थी। सोमवार को दोपहर में करीब 12 बजे डाउन में आ रही मालगाड़ी को हरी झंडी दिखाने के लिये रेलवे लाइन पार करके अप में जा रही थी। अचानक ट्रेन की चपेट में आने से महिला रेलकर्मी की दर्दनाक मौत हो गयी। घटना की जानकारी होने पर परिजनों में कोहराम मच गया। मौके पर जीआरपी इंस्पेक्टर एमपी दूबे अलीनगर इंस्पेक्टर विनोद मिश्रा सहित आरपीएप पहुंचकर आक्रोशित लोगों को समझा बुझाकर शव को पीएम के लिये पीडीडीयू नगर ले गयी। घटना को लेकर परिजनों का रोते रोते बुरा हाल था।

बिहार के बक्सर तुड़ीगंज निवासी स्व.पारस राजभर के पुत्री पूजा राजभर की शादी वर्ष 2021 में तेन्दुईपुर गांव के बीरेन्द्र राजभर से हुआ था। बीरेन्द्र राजभर झांझा में लोको पायलट पद पर तैनात है। पत्नी के पिता भी रेलकर्मी थे। ड्यूटी के दौरान पिता की मौत होने पर पूजा राजभर खुचमा रेलवे स्टेशन पर आश्रित के रूप में पोटर के पद पर तैनात थी। पूजा राजभर को डेढ़ साल का एक वेटा दिव्यांश है। सुबह पूजा घर से ड्यूटी के लिये खुचमा स्टेशन गयी हुई थी। दोपहर में करीब 11 बजकर 56 मिनट पर डाउन लाइन में मालगाड़ी की सूचना होने पर महिला रेलकर्मी अप प्लेटफार्म से झंडा दिखाने के लिये रेलवे लाइन क्रास कर रही थी। अचानक टे्रन की चपेट में आ जाने से महिला की दर्दनाक मौत होगयी। घटना के बाद स्टेशन पर खलबली मच गया। सूचना पर पहुंचें परिजनों ने महिला रेलकर्मी का शव देख दहाड़ मारकर रोने लगे। देखते देखते काफी संख्या में भीड़ जुट गयी। वही जीआरपी इंस्पेक्टर दिलदारनगर एमपी दूबे,अलीनगर इंस्पेक्टर विनोद मिश्रा सहित मुगलसराय से आरपीएफ भी पहुंच गयी। परिजन लोको पायलट पुत्र के आने के बाद शव को ले जाने की बात को लेकर अड़े रहे। पुलिस कर्मियों ने किसी तरह समझा बुझाकर शव को पीडीडीयू नगर ले गये। जहां पंचनामा सहित अभिलेखी कार्रवाई के बाद चंदौली जिला अस्पताल पीएम के लिये भेजा गया।

फूट ओवर ब्रिज से होकर जाती तो बच जाती जान

पूजा राजभर वर्ष तीन वर्ष पूर्व खुचमा रेलवे स्टेशन पर पोटर के पद पर तैनात थी। खुचमा रेलवे स्टेशन पर सुबह 9 बजे से पांच बजे तक पूजा की ड्यूटी रहती है। महिला रेलकर्मी साड़ी पहनी हुई थी। जो इनका डे्रस कोड है। ग्रामीणों के अनुसार रेलवे लाइन पार करते समय साड़ी रेलवे लाइन में फस जाने के कारण हादसा होने की बात कह रहे थे। प्रत्यक्ष दर्शियों का कहना था कि काश महिला रेलकर्मी फूट ओवर ब्रिज से होकर जाती तो बच जाती जान। लेकिन फूट ओवर ब्रिज से बार बार आना जाना संभव नहीं था।

मातृत्व दिवस पर पूजा ने बेटे को गोंद में लेकर खुब दुलारा था

पूजा राजभर को डेढ़ वर्ष का एक पुत्र दिव्यांश था। एक दिन पूर्व मातृत्व दिवस था। दिव्यांश अपनी मां की गोंद में खुब खुशी खुशी खेल रहा था। मां भी बेटे को खुब दुलार कर रही थी। लेकिन अबोध बच्चे को क्या पता की मातृत्व दिवस के एक दिन बाद मां का साया सिर से जीवन भर के लिये उठ जायेगा। जिसे लेकर अनजान था। लोको पायलट पति वीरेन्द्र राजभर पत्नी की दर्दनाक मौत पर बेसुध हो जा रहा था। इसके अलावा पिता रामकेवल, बड़ा भाई बबलू राजभर,संतोष, रतेन्द्र सहित परिजनों का रोते रोते हाल था।

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