कितने भी वैभवशाली हो जाओ मृत्यु को अवश्य प्राप्त करोगे
फ़िरोज़ाबाद, एका क्षेत्र के चौडेश्वर महादेव मंदिर पर हो रही श्रीमद् भागवत सप्ताह के तीसरे दिन कथा व्यास व्याकरण वेदांताचार्य डॉक्टर स्वामी अमर चेतन जी महाराज काशी वालों ने अपने मुखारविंद से श्रोताओं को बताया कि मनुष्य अपने परिश्रम से पूर्ण विजय प्राप्त नहीं कर सकता,जब तक परमात्मा पर विश्वास ना हो, जिस तरह लंका से विभीषण के जाने के बाद सभी राक्षस आयु हीन हो गये उसी तरह कौरवों की तरफ से विदुर जी के जाने के बाद कौरव पराधीनता की ओर अग्रेषित हो गये। धर्म तो दोनों तरफ था, धर्मराज युधिष्ठिर की बात पांडव दल के लोग आंख बंद करके मानते थे। वही विभीषण और विदुर की बात कोई नहीं सुनता था। भगवान शिव और दक्ष के प्रसंग के दौरान बताया कि भगवान, संत,अतिथि और ब्राह्मण का अपमान करने वाले को परमेश्वर तत्काल दंडित करते हैं। मनुष्य जब दुनिया से परेशान होता है। तब परमात्मा की ओर अग्रेषित होता है, तभी दुनिया के लोग उसे अपनी ओर प्रलोभित करते हैं,जब प्रलोभन में नहीं फसता तो परमात्मा को प्राप्त कर लेता है। मनुष्य कितना भी वैभवशाली क्यों ना हो उसे मृत्यु लोक से जाना ही होगा यह बात ध्रुव चरित्र से सिद्ध होती है। भक्त ध्रुव ने छत्तीस हजार वर्ष तक राज्य का सुख होगा परंतु फिर भी उन्हें मृत्यु लोक से जाना ही पड़ा। इसीलिए भगवान का भजन अवश्य करना चाहिए।यह वृत्तांत श्रीमद् भागवत महापुराण के तृतीय एवं चतुर्थ स्कंध में उल्लेखित है। मंदिर पर स्वामी ब्रह्मदेव जी महाराज के गौलोक वासी होने पर श्रीमद् भागवत सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। कथा के यज्ञाचार्य तरुण प्रकाश ने मंत्रोच्चारण के साथ हवन कराया। परीक्षित के रूप स्वामी सुखानंद जी महराज कथा में भाग ले रहे हैं। यज्ञपती की भूमिका विक्रम सिंह के साथ उनकी पत्नी मनोजदेवी ने भाग लिया। श्रीमद् भागवत कथा रविवार से प्रारंभ होकर शनिवार को पूर्ण आहुति के साथ समापन होगा,रविवार को भंडारा किया जाएगा।कथा की सभी व्यवस्थाएं स्वामी परहिता नंद जी महाराज के साथ ब्रह्मचारी महाराज एवं शिष्या साध्वी गीता देवी पूर्ण कर रहीं हैं।
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