'एसआईपी प्रोडिजी 2024′ में 13 जिलों के 2,050 प्रतिभागियों ने लिया हिस्सा
रांची। एसआईपी एकेडमी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने रविवार को अखिल झारखंड राज्य ‘एसआईपी प्रोडिजी 2024′ का रांची के खेलगांव के टाना भगत स्टेडियम में सफल आयोजन किया। इसमें रांची, जमशेदपुर, रामगढ़, हजारीबाग, झुमरी तिलैया, बोकारो, चास, धनबाद, डाल्टनगंज, चक्रधरपुर, खूंटी, देवघर, मधुपुर का प्रतिनिधित्व करने वाले 75 एसआईपी लर्निंग सेंटरों से पहुंचे 2,050 प्रतिभागियों ने अबेकस के मानसिक अंकगणितीय प्रतियोगिता में भाग लिया। प्रतिभागियों के कैलकुलेशन को देखकर सभी दंग रह गये। एसआईपी एकेडमी इंडिया, भारत व विदेशों में 19 बार इंटरनेशनल अबेकस और मानसिक अंकगणितीय प्रतियोगिताओं का आयोजन करने वाली एकमात्र कंपनी है। इसके साथ ही झारखंड में 18वीं बार ये प्रतियोगिता आयोजित की गयी। एसआईपी प्रोडिजी’ प्रतियोगिता चार बार लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी दर्ज हो चुकी है। मौके पर स्टेट हेड इकबाल सिंह होरा ने बताया कि एसआईपी अबेकस का यह 19वां साल है, जिसमें 75 सेंटर से 2050 बच्चों ने भाग लिया। इस मंच से आज बच्चों ने अपनी प्रतिभा दिखाई। इस आयोजन से सभी के पैरेंट्स भी काफी खुश हैं। इसमें सभी शिक्षकों और पैरेंट्स के साथ-साथ बच्चों की मेहनत झलक रही है।उन्होंने इस सफल आयोजन के लिए पूरी टीम को धन्यवाद दिया।
उन्होंने कहा कि पांच मिनट में 150 से 300 अर्थमैटिक सॉल्व करके बच्चों ने यह साबित किया है कि वह कितना बेहतर कर रहे हैं, जो पैरेंट्स अपने बच्चों को अबेकस में नहीं डाले हैं, अब तक वह अपने बच्चों के इस ऐज को बर्बाद कर रहे हैं। छह से 12 साल की उम्र जो होती है वह बहुत कुछ सीखने की होती हैं। इस उम्र में अगर बच्चों को अबेकस में दिया जाए तो वह काफी बेहतर कर सकते हैं। आज मोबाइल व टेलीविजन की वजह से बच्चे पढ़ाई पर फोकस नहीं कर पा रहे हैं। एसआईपी के बच्चों से अगर मिलेंगे तो उनको मैथ्स सबसे इजी विषय लगेगा। यह हम अपने ट्रेनिंग के माध्यम से बच्चों को सिखाते हैं। उन्होंने सभी माता-पिता से अपील करते हुये कहा कि क्लास वन से सात तक के बच्चे के हुनर को पहचानें। वह सही मार्गदर्शन में अपने हुनर का इस्तेमाल कर इसमें बहुत कुछ कर सकते हैं। इस प्रतियोगिता में झारखंड अबेकस के कुल 11500 बच्चों में से 2050 चुन्निदा बच्चों ने भाग लिया, जिनमें से कुल 16 चैंपियन और 434 बच्चे विजेता रहे, जिन्हें प्रतियोगिता के बाद सम्मानित किया गया। इस प्रतियोगियों में पांच मिनट में बच्चों ने सौ से दो सौ तक गणित के सवाल हल किये।
टिप्पणियां