मेरा इस्लाम मजहब मुझे हर मज़हब की इज्जत करना सिखाता है: पूर्व मंत्री
बदायूं। शनिवार को सपा के राष्ट्रीय सचिव, पूर्व मंत्री आबिद रजा ने एक प्रेस नोट जारी किया। जिसमें पूर्व मंत्री आबिद रज़ा ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा पर हिंदू भाइयों को मुबारकबाद दी। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 09 नंबर 2019 में हिंदू धर्म की आस्था के बुनियाद पर जो फैसला किया था, उस फैसले को देश ने बड़ा दिल करके देश की एकता के लिए उसी समय स्वीकार कर लिया था। प्रेस नोट मे पूर्व मंत्री ने कहा कि मैं (आबिद रज़ा) इस्लाम मज़हब को मानने वाला एक सच्चा मुसलमान हूं। मेरा इस्लाम मजहब मुझे हर मज़हब की इज्जत करना सिखाता है। उन्होंने कहा कि 22 जनवरी को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के दिन पूरे देश विदेश में रहने वाले हिंदू समाज के लोग धार्मिक पर्व के रूप धार्मिक उत्साह के साथ मना रहे हैं। इसीलिए इस मौके पर हम और हमारे साथी हिंदू समाज के लोगों को मुबारकबाद देते है। उन्होंने कहा कोई भी इंसान किसी मजहब या जाति में अपनी मर्जी से पैदा नहीं होता बल्कि ऊपर वाले की मर्जी से पैदा होता है। हर मज़हब में 90 प्रतिशत बातें समान है। इसीलिए इंसान को इंसान से हमदर्दी और मोहब्बत करनी चाहिए। प्रेस नोट मे पूर्व मंत्री ने कहा कि सियासत करने वाले लोगों से कहना चाहता हूं की यह कार्यक्रम धार्मिक है, इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। राम मंदिर प्रतिष्ठा को लेकर मुसलमानों के बारे में गलत प्रचार भी नही करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मुसलमानों को इस कार्यक्रम से कोई एतराज नहीं है। देश, प्रदेश के मौजूदा हालात में सियासत करने वाले लोग यह नहीं चाहते है कि हिंदू और मुसलमान आपस में प्यार और मोहब्बत से रहें, इसीलिए मैं खासतौर से मुसलमान भाइयों से कहना चाहता हूं कि हर हिंदुस्तानी मुसलमान को हिंदू भाइयों से प्यार मोहब्बत का रिश्ता बड़ाने की ज़िम्मेदारी अब खुद ही लेनी पड़ेगी।
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