चीन से सीमा विवाद का कारण अतीत की देन
पीएलए : चीन की सेना ने कहा है कि भारत के साथ सीमा विवाद का कारण अतीत के निर्णय या घटनाएं हैं और इस मुद्दे को आज के तनावपूर्ण संबंधों से जोड़ना सही नहीं होगा, क्योंकि यह द्विपक्षीय संबंधों की पूरी और सही तस्वीर बयां नहीं करता है. चीनी रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ प्रवक्ता कर्नल वु छियान ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए ये टिप्पणी की. उनसे विदेश मंत्री एस जयशंकर के इस कथित बयान के बारे में पूछा गया था कि चीन ने 2020 में द्विपक्षीय आम सहमति का उल्लंघन किया था और वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर काफी संख्या में सैनिकों का जमावड़ा किया था जिसके परिणामस्वरूप गलवान घाटी में झड़प हुई थी.
छियान की चालबाजी
हकीकत ये है कि मई 2020 में पीपल्स लिबरेशन आर्मी ने पूर्वी लद्दाख में सैनिकों को जमा किया था जिसके चलते दोनों देशों के सैनिकों के बीच जून 2020 में हिंसक झड़प हुई थी. इसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे और कई चीनी सैनिकों की भी जान गई थी. वु ने उस वाकये की याद दिलाते हुए कहा, 'गलवान घाटी एलएसी पर पश्चिमी सेक्टर के चीन की ओर स्थित है और संबद्ध घटना उस वक्त हुई जब भारतीय सैनिकों ने आम सहमति का उल्लंघन किया तथा एकतरफा तरीके से उकसाया. इसलिए, जिम्मेदारी पूरी तरह से भारतीय पक्ष की बनती है.’
भारत पीएलए पर देपसांग और डेमचोक इलाकों से सैनिकों को पीछे हटाने के लिए दबाव बना रहा है. भारत यह कहता रहा है कि जब तक सीमाओं पर स्थिति असमान्य रहेगी आपसी संबंधों को सामान्य नहीं किया जा सकता. वहीं, चीन सीमा विवाद और द्विपक्षी संबंधों को आपस में नहीं जोड़ने तथा सामान्य स्थिति बनाने के लिए काम करने पर लगातार जोर देता रहा है.
गलवान घाटी, पैंगोंग झील, हॉट स्प्रिंग्स और जियानान दबान पर बनेगी सहमति
पिछले तीन वर्षों में चीन और भारत ने सैन्य एवं राजनयिक माध्यमों से संवाद व समन्वय किये हैं. उन्होंने कहा कि दोनों देशों की सेनाओं ने कोर कमांडर स्तर के 20 दौर की बैठकें की हैं और मुख्य रूप से चार स्थानों- गलवान घाटी, पैंगोंग झील, हॉट स्प्रिंग्स तथा जियानान दबान (गोगरा) से सैनिकों को पीछे हटाकर सीमा पर तनाव घटाने में योगदान देने पर अब सहमति जताई है.
सीमा मुद्दे को संपूर्ण संबंधों से जोड़ना गलत और अनुपयुक्त होगा. ये दोनों देशों के साझा हितों के खिलाफ जाता है. उन्होंने कहा, ‘हम उम्मीद करते हैं कि भारतीय पक्ष रणनीतिक परस्पर विश्वास बढ़ाने, मतभेदों को उपयुक्त रूप से दूर करने तथा सीमावर्ती इलाकों में शांति व स्थिरता की हिफाजत करने पर चीनी पक्ष के साथ काम कर सकता है.’ कोर कमांडर स्तर के अगले दौर की बैठक के बारे में पूछे जाने पर, वु ने कहा कि मंत्रालय सही समय पर इस बारे में सूचना जारी करेगा.
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