हाईकोर्ट के जज करें ओशो की मृत्यु विवाद की जांच
परिनिर्वाण दिवस पर उपस्थित बुन्देले
परिनिर्वाण दिवस पर ओशो भक्तों ने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखकर उठाई मांग
महोबा। क्रांतिकारी संत ओशो के 33वें परिनिर्वाण दिवस पर आज बुंदेलों ने गोरखगिरि पर्वत के ऊपर श्रद्धांजलि सभा आयोजित की एवं हास्य व सक्रिय ध्यान कर ओशो को अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किये। साथ ही बुंदेली समाज के संयोजक तारा पाटकर ने ओशो की मृत्यु की अनसुलझी गुत्थी को सुलझाने के लिए हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में जांच कमेटी बनाने की मांग उठाई। उन्होंने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चिट्ठी भी लिखी।ओशो के अनुयायी तारा पाटकर ने कहा कि इससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति क्या होगी कि 33 साल बीत गए लेकिन इस शताब्दी के सबसे महान विचारक ओशो की विवादास्पद मृत्यु का रहस्य अभी तक नहीं सुलझा।
जिस आध्यात्मिक गुरू ने ध्यान की 113 विधियां खोजकर पूरे पश्चिम जगत को हिला दिया, उसकी मृत्यु पर आज भी देश की सरकारें खामोश हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से हमें उम्मीद है कि वे जरूर ओशो की मृत्यु पर निष्पक्ष जांच करवाएंगे। उन्होंने कहा कि ओशो के शिष्य शुरू से इसकी मांग उठा रहे हैं लेकिन महाराष्ट्र की सरकारों ने अब तक ओशो की मृत्यु की जांच के लिए कमेटी तक नहीं बनायी। इससे ओशो के करोड़ों अनुयायी काफी आहत है। कहीं ऐसा न हो नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की तरह ओशो की मृत्यु पर पड़ा पर्दा षडयंत्र की भेंट चढ़ जाए।पुणे आश्रम में जब ओशो की मृत्यु हुई, उस वक्त न तो उनके निजी चिकित्सक गोकुल गोकर्ण को अंदर जाने दिया गया और न उनकी मां को।
बाद में गोकुल ने माना कि आश्रम प्रबंधन ने मृत्यु प्रमाण पत्र पर उनसे जबरन हस्ताक्षर कराये। अपनी पुस्तक ष्हू किल्ड ओशोष् में पत्रकार अभय वैद्य ने भी तमाम सवाल उठाये। ओशो के शिष्य योगेश ठक्कर ने मुंबई हाईकोर्ट में ओशो की वसीयत विवाद पर जनहित याचिका दायर की। तारा पाटकर ने कहा कि ईसाइयत के पाखंड पर हमला करने के कारण तिलमिलाई अमेरिकी सरकार ने जेल में धीमा जहर थैलीसियम देकर ओशो को मारने का षडयंत्र रचा या फिर उनके लोभी विदेशी शिष्यों ने हजारों करोड़ की उनकी विरासत को हड़पने के लिए उनको 59 वर्ष की आयु में मार दिया। इस मौके पर अवधेश गुप्ता, मनीष जैदका, गया प्रसाद कोस्टा, डा, देवेन्द्र पुरवार, मुन्ना जैन, प्रेम चैरसिया, सत्येन्द्र गुप्ता समेत तमाम लोग मौजूद रहे।
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