
लखनऊ। जमीन मकान बचाओ संयुक्त मोर्चा, आजमगढ़ के तहत गदनपुर हिन्छनपट्टी, जिगिना करमनपुर, जमुआ हरीराम, जमुजा जोलहा, हसनपुर, कादीपुर हरिकेश, जेहरा पिपरी, मंदुरी, बलदेव मंदुरी व इसके आस-पास के ग्रामवासी 13 अक्टूबर 2022 से अनवरत खिरिया की बाग जमुआ में धरने पर बैठे है।
जमीन-मकान नहीं देंगे,अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का मास्टर प्लान वापस लेने,किसान नेताओं के उत्पीड़न व आंदोलनकारियों पर से झूठे मुकदमे वापस लेने और 12-13 अक्टूबर के दिन और रात में सर्वे के नाम पर एसडीएम सगड़ी और अन्य राजस्व अधिकारी व भारी पुलिसबल के द्वारा महिलाओं-बुजुर्गा के साथ हुए उत्पीड़न के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए धरने पर बैठे है।
उक्त बातें मंगलवार क ो दारूलशफा स्थित ए ब्लाक कामन हाल में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहीं।आगे कहा कि जिलाधिकारी आजमगढ़ से 30 दिसंबर 2022 वार्ता हुई। जिसमें किसानों-मजदूरों के वार्ताकारों ने प्रस्ताव पूछा तो बताया गया कि अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के लिए 670 एकड़ जमीन के लिए सर्वे किया गया है। जिस पर पूछा गया कि जब हम जमीन नहीं देना चाहते तो सर्वे का क्या औचित्य और हमसे शासन-प्रशासन ने इस बारे में कभी कोई बात नहीं की।
12-13 अक्टूबर 2022 की दिन और रात में राजस्व कमी भारी पुलिस बल के साथ सर्वे करने लगे और ग्रामीण महिलाओं-बुजुर्गों को मारा-पीटा और दलित महिलाओं को जातिसूचक-महिला विरोधी गालियां भी दी। रात के अंधेरे में सर्वे के औचित्य पर जिलाधिकारी ने कहा कि जब विरोध करेंगे तो हम ऐसा करेंगे ही। इससे प्रतीत होता है कि जिलाधिकारी ने 12-13 अक्टूबर 2022 के दिन और रात में किए गए सर्वे और उत्पीड़न को सही ठहराया।
प्रशासन द्वारा गैरकानूनी और असंवैधानिक तरीके से भूमि अधिग्रहण की जो कार्रवाई की जा रही उससे ग्रामीणों में जमीन-मकान चले जाने के भय से लोग सदमें में हैं और अब तक 16 किसानों की जमीन-मकान जाने के सदमें से मृत्यु हो चुकी है। ग्रामीण पिछले 83 दिन से भयंकर ठंडी और कोहरे के बीच खिरिया बाग,जमुआ में धरने पर बैठने को मजबूर हैं। जबरन भूमि अधिग्रहण के लिए किए गए फर्जी सर्वे ने हम ग्रामीणों का जीना दूभर कर दिया है। हम सब काम धंधा छोड़कर अपने पुरखों की जमीन बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं ऐसे में हमारी मांग है कि अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का मास्टर प्लान रदद् किया जाए।