चेतक पुलिसकर्मी की बहादुरी से दो पक्षों में हो रहे खुनी संघर्ष में बड़ी वारदात होते-होते बची
मंगलौर कोतवाली पुलिस की बहुत बड़ी नाकामी आई सामने
रुड़की (देशराज पाल)। नगला इमरती में जमीनी विवाद को लेकर दो पक्षों में हुए खूनी संघर्ष में सिविल लाइन कोतवाली के चेतक पुलिसकर्मी की बहादुरी के चलते एक बड़ी वारदात होते होते बच गई। इस घटना में एक दारोगा की भी एक बहुत बड़ी लापरवाही भी सामने आई है। मौके पर मौजूद लोगों ने बहादुर चेतक पुलिसकर्मी की जहां पीठ थपथपाई है वहीं दोनों पक्षों के हुए खूनी संघर्ष में एक निर्दोष युवक के पैर में गोली लगी है जिसे पुलिस द्वारा रुड़की के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस मामले की जांच पड़ताल कर रही है।
बुधवार की दोपहर लंढौरा पेट्रोल पंप के पास दो पक्षों में जमीनी विवाद को लेकर पहले मारपीट हुई। बताया गया है कि दोनों पक्षों में मारपीट के बाद खूनी खेल का दौर चालू हो गया। एक पक्ष जब अपनी जान बचाकर भाग रहा था तब इसी दौरान दूसरे पक्ष के दर्जनों लोग उनके पीछे दौड़ रहे थे जैसे ही दूसरा पक्ष नगला इमरती बाईपास ओवर ब्रिज के पास पहुंचा तो इसी दौरान दूसरे पक्ष के बाइक सवार युवकों ने सड़क किनारे जा रहे एक निर्दोष युवक पर फायर झौंक दिया जिसमें युवक गंभीर घायल होकर जमीन पर गिर पड़ा। बताया गया है कि इसी दौरान बाइक पर सवार चेतक पुलिसकर्मी सोबर सिंह मौके पर पहुंच गया। चेतक पुलिस कर्मी ने बहादुरी दिखाते हुए जैसे ही अपना रिवाल्वर निकाल कर गोली चलाने वालों के सामने किया तो वह घबराकर मौके से भाग लिए। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने घायल युवक को उपचार के लिए आनन फानन में रुड़की के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया। बताया गया है कि घायल युवक का नाम रजत निवासी नगला इमरती है। घायल युवक का झगड़े से कोई मतलब नहीं है और वह सड़क किनारे होते हुए जा रहा था। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि यदि समय पर बहादुर चेतक पुलिसकर्मी ना होता तो एक बड़ा खूनी खेल में वारदात हो सकती थी। वही बताया गया है कि नगला इमरती ओवर ब्रिज पर एक दारोगा की ड्यूटी लगाई गई थी लेकिन उक्त दारोगा मौके से नदारद मिला। उक्त दारोगा पुलिस कर्मियों के साथ मौजूद होता तो शायद यह खूनी खेल ना हो पाता। फिलहाल पुलिस मामले की जांच पड़ताल कर रही है। पुलिस फरार हमलावरों की गिरफ्तारी के लिए जुटी है। बताया यह भी गया है कि यह क्षेत्र मंगलौर कोतवाली में आता है और कहीं ना कहीं मंगलौर कोतवाली पुलिस की भी इसमें बहुत बड़ी नाकामी सामने आ रही है। इस नाकामी की बात हम इसलिए कर रहे हैं क्योंकि 2 दिन पूर्व भी दोनों पक्षों में जमीनी विवाद को लेकर मारपीट हुई थी। समय रहते यदि मंगलौर कोतवाली पुलिस इसमें करवाई करती तो शायद आज हुआ खूनी खेल ना हो पाता।
टिप्पणियां