भारतीय रेल में अधिकारियों की लापरवाही के कारण मनमाने कीमतों पर होती है खाद्य पदार्थो व पानी की बोतलों की बिक्री
भारतीय रेल में अधिकारियों व कर्मचारियों की अनदेखी के कारण यात्रियों को होती है , चलती रेल में असुविधा।
1-जिसमे अधिकांश रेलवे कोच में बेचा जाने वाला लोकल पानी की बोतल खुले आम बेची जाती है। जब कि रेल नीर को बेचा जाना चाहिये, वह भी 20 रु0 में यात्रियों को बिक्री के दौरान देते है, जब कि रेल नीर को 15 रु में दिया जाना चाहिए ,फिर भी यात्रियों को लोकल पानी की बोतल 20 रु में बिक्री की जाती है। रेलवे प्रशासन द्वारा स्टेशन हो अथवा ट्रेन का डिब्बा उसके लिये रेलवे नीर बेचने की व्यवस्था रेलवे द्वारा की गई है। इसके लिये ट्रेन की बोगियों में व प्लेटफॉर्मो पर इसकी जानकारी के लिये प्रचार - प्रसार कराया जाये। जिसके कारण यात्री को उक्त रेटो में पानी की बोतल व पेंट्रीकार द्वारा पेय पदार्थ व खाने पीने की वस्तु उपलब्ध हो सके।
2- यात्रियों के साथ किन्नरों द्वारा चलती ट्रेन में रेलवे कोचों में जाकर जबरदस्ती पैसा वसूलना , न देने पर उनके साथ मारपीट के अलावा अश्लील हरकतें करना आदि।
3- अवैध वेंडरों द्वारा ट्रेन के डिब्बो में जाकर खाने पीने की वस्तुओं की बिक्री करना आदि शामिल है।
लेकिन भारतीय रेलवे के जिम्मेदार अधिकारी व कर्मचारियो का इस और कोई ध्यान नही जाता, जिसके कारण यात्रा करने वाले यात्रियों को इनका शिकार होना पड़ता है।
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