उपभोक्ता कोर्ट ने रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी के सेवा में त्रुटि पर लगाया दंड
पूर्वी चंपारण। जिला उपभोक्ता आयोग ने जेनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के सेवा में त्रुटि पर परिवादी को बीमित राशि के आलावे मानसिक क्षति एवं मुकद्दमा खर्च देने का आदेश दिया है।
तीन माह के भीतर क्लेम राशि नहीं देने पर परिवाद पत्र दाखिल करने के दिन से 9% वार्षिक ब्याज कंपनी को देना होगा। मामले में मधुबन थाना के जोगौलिया टोला गुलाब खां निवासी विजय प्रसाद यादव ने रिलायंस जेनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के विरूद्ध परिवाद दायर किया था। जिसमें कहा था कि वे अपने पिकअप भान रजिस्ट्रेशन नंबर BR06GA/1446 का इंश्योरेंस उक्त कंपनी में 29 सितम्बर 2017 को कराया था। जिसकी वैधता 28 सितंबर 2018 तक थी।
इसी बीच 28 फरवरी 2018 को उसके दरवाजे से उक्त गाड़ी चोरी चली गई। परिवादी ने कंपनी को सूचना देकर प्राथमिकी दर्ज कराया था। कंपनी की ओर से मांगी गई सभी कागजात पूरा करने के बावजूद कंपनी ने परिवादी को क्लेम राशि नहीं दिया। परिवादी ने वकालतन नोटिस भेजा, परंतु कंपनी ने कोई जवाब नहीं दिया। अंततः परिवादी ने जिला उपभोक्ता आयोग में परिवाद दायर कर न्याय की गुहार लगाई।
मामले के विचारण के बाद आयोग के अध्यक्ष सुरेंद्र कुमार पाण्डेय व सदस्य संजीव कुमार की दो सदस्यीय पीठ ने कंपनी के सेवा में त्रुटि पाते हुए परिवादी को क्लेम बीमित राशि 231952 रुपये, मुकदमा खर्च 10000 रुपये, आर्थिक क्षति 20000 रुपये कूल 261952 रुपए तीन माह के भीतर देने का आदेश दिए। परिवादी की ओर से अधिवक्ता दिनेश्वर प्रसाद व विपक्षी की ओर से अधिवक्ता संजीव कुमार ने अपनी दलीलें दी थी।
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