भारतीय जवानों के उस परम शौर्य से आज भी कांपता है चीन
- रेजांगला में भारतीय जवानों ने चीनी सैनिकों के कर दिये थे दांत खट्टे
रायबरेली। 18 नवम्बर 1962 को भारत-चीन युद्ध के दौरान 18000 फिट की ऊँचाई पर रेजांगला पोस्ट पर कुमाँऊ रेजिमेन्ट के 120 जवानों ने अद्भुत वीरता का परिचय दिया था, भारतीय जवानों के उस परम शौर्य से चीन आज भी कांपता है, इस टुकड़ी में 120 जवानों में 114 अहीर सैनिक थे, भारत सरकार से मांग की जाती है कि सेना में अहीर रेजिमेंट बनाया जाय।
यह बात शहीद चौक पर जिले के विभिन्न संगठनों द्वारा रेजांगला के शहीद सैनिकों के सम्मान में आयोजित श्रद्धाँजलि सभ को सम्बोधित करते हुए श्रमिक संघ के अध्यक्ष वीके शुक्ला ने कही।नगर पालिका परिषद के चेयरमैन शत्रोहन लाल सोनकर ने कहा कि रेजांगला में भारतीय जवानों ने चीनी सैनिकों के दांत खट्टे कर दिये थे, इस युद्ध में मेजर शैतान सिंह और 98 भारतीय जवान शहीद हो गए थे, शहादत देने से पहले भारतीय जवानों ने चीन के 400 सैनिकों को मार गिराया था।
व्यापार मण्डल के प्रान्तीय नेता मुकेश रस्तोगी ने कहा कि चीन तमाम कोशिशों के बावजूद भी रणनीतिक रूप से अहम इस पोस्ट पर कब्जा नहीं कर पाया, सरकार की ओर से इसे अहीरधाम का नाम दिया गया।काँग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता अतुल सिंह ने कहा कि मेजर शैतान सिंह और उनकी कम्पनी ने शुरूआत में 3 इंच के मोर्टार से लड़ाई शुरू की, फिर रायफल्स और उसकी बट से लड़ाई जारी रक्खी और चीनी सैनिकों को मार गिराया।
पूर्व डीजीसी ओपी यादव ने कहा कि 1962 के युद्ध हिस्ट्री के अनुसार चीन ने 18 नवम्बर को तड़के 4 बजे भारतीय इलाके में हमला शुरू कर दिया, चीन की सेना की मंशा लेह और चूशूल रोड लिंक को वाया दुगंती को ब्लाक करने की थी। अपना दल (एस) के जिलाध्यक्ष कुँवर सत्येन्द्र पटेल ने कहा कि भारत के वीर जवानों ने अपना सर्वोच्च बलिदान करते हुए चीनी सैनिकों को रेजांगला पोस्ट पर कब्जा नहीं करने दिया।
ब्लाक प्रमुख राही धर्मेन्द्र कुमार ‘राजू’ ने कहा कि चीनी सैनिकों ने दो तरफ से रेजांगला पोस्ट पर हमला किया था, यह भारतीय जवानों का शौर्य ही था कि चीनी सैनिक इस पोस्ट के पास फटक तक नहीं पाए।शिक्षक नेता शिवनरायन सोनी ने कहा कि रेजांगला को इस वक्त भारत की ताकत के तौर पर देखा जाता है, यह इलाका चीनी सीमा के काफी करीब है और यहाँ से एलएसी की दूसरी तरफ साफ-साफ देखा जा सकता है।
अधिवक्ता सभा के जिलाध्यक्ष सौरभ सिंह ने कहा कि भारतीय जवानों ने 303 के रायफल्स से चीनी सैनिकों को ऐसे घाव दिये जो ड्रैगन को आज भी सताता है।इस अवसर पर मुख्य रूप से पूर्व प्रधान भौमेश सोनी, भोला चौधरी, शमशेर प्रधान, रामसेवक वर्मा, अखिलेश माही, अतुल यादव, गोविन्द सिंह चौहान, सनोज यादव, रोहित चौधरी, अनुज बरवारी, संदीप यादव, जयकिशन यादव, रितेश विश्वकर्मा, सुशील कुमार मौर्य, राजू लोधी, अवधेश निर्मल आदि लोगों न पुष्प चक्र अर्पित किये।
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