भानु प्रताप और राजेश की पहल से बदली गांव की तस्वीर
75 साल से रास्ता से वंचित ग्राम वासियों के लिए बना रास्ता
बांगर खुर्द व भटौता तुलसी पट्टी के मध्य चौड़ा रास्ता बनाकर लगभग पचहत्तर साल से रास्ते से वंचित ठकुरइया और हरिजन बस्ती को मुख्य मार्ग से जोड़ा गया
सुल्तानपुर/करौंदीकला। बांगर खुर्द व भटौता तुलसी पट्टी के मध्य चौड़ा रास्ता बनाकर लगभग पचहत्तर साल से रास्ते से वंचित ठकुरइया और हरिजन बस्ती को मुख्य मार्ग से जोड़ा गया। बताते चले कि ग्राम सभा भटौता तुलसी पट्टी की दो बस्ती ठकुरइया और हरिजन बस्ती के रास्ते को दबंगों द्वारा अतिक्रमित कर लिया गया है। जो अभी तक खाली नहीं कराया जा सका है। लगभग पचहत्तर वर्ष से ग्राम सभा भटौता तुलसी पट्टी के दोनों पुरवे ठकुरइया, डड़वा हरिजन बस्ती और बांगर खुर्द के लगभग 1000 की आबादी रास्ते से वंचित थी। ग्राम सभा बांगर खुर्द व भटौता तुलसी पट्टी की प्रधान और राजेश विश्वकर्मा और इंजी भानु प्रताप सिंह की पहल पर दोनों गांव के संभ्रांत लोगों की एक समन्वय समिति बना कर जमीन धारकों से रास्ता निर्माण के लिखित समझौते के बाद लेखपाल फुलगेन यादव की मौजूदगी में रास्ते निर्माण कराया गया है। जिसको बनवाने में इंजी भानुप्रताप सिंह अपने पास से लगभग दो लाख रुपया व्यक्तिगत रूप से खर्च किए। दूसरी तरफ बांगरखुर्द के निवासियों द्वारा रास्ते के लिए अपने स्वयं की जमीन देते हुए देख बांगर खुर्द के प्रधान प्रतिनिधि राजेश विश्वकर्मा ने कहा कि इस मार्ग पर सोलिंग का कार्य मेरे द्वारा कराया जाएगा जिस पर दोनों गांवों की समन्वय समिति और भटौता तुलसी पट्टी के निर्माण समिति के अध्यक्ष इंजी भानु प्रताप सिंह पक्की सड़क से बार्डर से लेकर विजय चौबे, ठकुरैया, डड़वा बस्ती बार्डर तक सोलिंग कार्य नाम का प्रस्ताव पास कर सर्वसम्मति से राजेश विश्वकर्मा को दिया। समझौते के समय सत्यनारायण चौबे, झिनकू चौबे, विजय चौबे, रमा शंकर चौबे, रमेश शर्मा राम उजागिर पूर्व प्रधान बांगर, पंचम, राकेश मिश्रा पूर्व प्रधान बांगर खुर्द, रविन्द्र उपाध्यक्ष पूर्व प्रधान, संतलाल पूर्व प्रधान, लालमणि पूर्व बीसीसी, बबलू सिंह, रघुनाथ सिंह, चंदन सिंह, सरदार सिंह, लोली सिंह, माता सिंह, शिव शंकर, नन्हेलाल, राधेकृष्ण, सिकंदर, बशिष्ठ, राहुल, लालजी, रमेश यादव, ननकऊ यादव, महेंद्र उपाध्याय, राम अचल पाल, राहुल पाल, धर्मराज विजय, सिंह, भूपेन्द्र यादव, सतेंद्र मिश्र, महेंद्र हरिजन, सहेंद्र हरिजन, राजन, नेवासा, रघुबर, लल्लू, डल्लू, विवेक, लखन प्रजापति, दशरथ प्रजापति, हरिशंकर तिवारी, दीनानाथ तिवारी, शिव शंकर, हनुमान, देवनाथ, विजय प्रताप आदि उपस्थित रहे।
क्या कहते हैं ग्रामीण......
“हमारी बस्ती के लोग रास्ते की उम्मीद छोड़ चुके थे लेकिन इंजी भानु प्रताप और राजेश विश्वकर्मा के सहयोग से जो रास्ता बना वह असंभव था।”
महेंद्र हरिजन
“भानु प्रताप के अथक प्रयास से हम लोगों को पीढ़ियों से बंद रास्ता खुल तो नहीं पाया एक दूसरा रास्ता मिल गया। इस रास्ते के लिए अपनी सारी व्यक्तिगत जमीन बांगर खुर्द के लोगों ने दिया है। हम सभी उनके इस त्याग के लिए धन्यवाद देते हैं।”
रघुनाथ सिंह
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