
अयोध्या. जनपद में भव्य राम मंदिर के भूमि पूजन की तैयारियां ज़ोरों पर हैं। लेकिन इसी बीच मस्जिद निर्माण को लेकर खींचतान शुरू हो गई है। जानकारी के मुताबिक अयोध्या में मस्जिद निर्माण के लिए बने ट्रस्ट से पक्षकार इकबाल अंसारी और हाजी महबूब बेहद नाराज हैं। मंदिर के शिलान्यास से ठीक पहले सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड की तरफ़ से रौनाही में बनने वाली मस्जिद के लिए ट्रस्ट का ऐलान तो कर दिया गया , लेकिन अब इसके गठन को लेकर लोगों की नाराज़गी भी सामने आ रही है। अब तक 15 सदस्यीय इस ट्रस्ट में नौ सदस्यों के नाम घोषित किए गए हैं। इसके सर्वेसर्वा वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष जफर अहमद फारूखी बने हैं, जबकि बाबरी मस्जिद के लिए सालों लड़ाई लड़ने वाले पक्षकारों को कोई जगह नहीं दी गई है।
जानकारी के मुताबिक बाबरी मस्जिद की तरफ से बने ट्रस्ट में अयोध्या के किसी शख्स का नाम नहीं है, जिसको लेकर मुस्लिम पक्षकारों में रोष है। इस मामले में पक्षकार रहे इकबाल अंसारी और हाजी महबूब ने कहा कि ट्रस्ट बनाने में न तो उनसे कोई बात हुई है न ही वे लोग इसमें शामिल होना चाहते हैं।
बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे हाशिम अंसारी के पुत्र इकबाल अंसारी ने बताया कि मस्जिद बनाने के लिए घोषित ट्रस्ट में अयोध्या के किसी मुसलमान को जगह नहीं दी गई है। इतना ही नहीं बल्कि रौनाही के धन्नीपुर में जहां मस्जिद बनेगी वहां के लोगों की भी उपेक्षा की गई है। ऐसे में वे मस्जिद बनाने वाले ट्रस्ट में शामिल होने के लिए कतई तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि पक्षकार फारूक अहमद, मौलाना बादशाह खान, अब्दुल रहमान, मिसबाहुद्दीन और हाजी महबूब की भी उपेक्षा हुई है। हमने तो पहले ही कह दिया था कि वक्फ बोर्ड की अयोध्या से बाहर बनने वाली मस्जिद से उनका कोई लेना देना नहीं होगा।
वहीं, बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे हाजी महबूब का कहना है कि सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को कोर्ट से अधिकार मिला है, वे जिसको चाहे रखें या न रखें। हमारा कोई मतलब नहीं है। उनका कहना है कि बाकी छह सदस्यों में भी यदि उनका नाम शामिल किया जाता है तो वे इनकार कर देंगे।