पौष माह संक्रान्ति पर्व पर सजा दीवान

पौष माह संक्रान्ति पर्व पर सजा दीवान

लखनऊ। राजधानी में पौष माह पर्व पर शबद कीर्तन के साथ दरबार सजाया गया। शनिवार को पौष माह संक्रान्ति पर्व एवं गुरमति समागम पर विशेष दीवान ऐतिहासिक गुरूद्वारा गुरू नानक देव नाका हिण्डोला में विशेष दीवान सजाया गया। वहीं शाम का विशेष दीवान 6 बजे रहिरास साहिब के पाठ से प्रारम्भ हुआ जो रात्रि 9ः30 बजे तक चला। जिसमें रागी जत्था भाई राजिन्दर सिंह ने अपनी मधुर वाणी में शबद कीर्तन पोखि तुखारू न विआपइी कंठि मिलिया हरि नाहु।। मन बेधिआ चरनारबिंद दरसनि लगड़ा साहु।
 
गायन एवं नाम सिमरन द्वारा संगत को निहाल किया । तत्पश्चात् मुख्य ग्रंथी ज्ञानी सुखदेव सिंह ने पौष माह संक्रान्ति पर्व की महत्ता का वर्णन करते हुए कहा कि इस माह में गुरू उपदेश देते हैं कि जो मनुष्य हर वक्त प्रभु भक्ति में लीन रहते हैं और प्रभु को पाने की आशा रखते हैं, ऐसे जिज्ञासु मनुष्यों पर किसी भी ऋतु एवं मोह माया का कोई प्रभाव नहीं पड़ता, वह प्रभु भक्ति को अपने जीवन का आधार बना लेते हैं जिस प्रकार मछली पानी से बिछुड़ कर तड़पती है और प्राण त्याग देती है क्योंकि उसके जीवन का आधार पानी है वह अपने आधार को छोड़कर जिन्दा नहीं रह सकती है।
 
इसी प्रकार ईश्वर के प्यारे अपने जीवन का आधार प्रभु भक्ति बना लेते हैं। ऐसे सच्चे भक्तों के अवगुणों को अनदेखा कर प्रभु अपने में समा लेते हैं। ऐसे महापुरूषों के दर्शन बहुत मुश्किल से हो पाते हैं।  सिमरन साधना परिवार के बच्चों ने भी शबद कीर्तन गायन कर समूह संगतों को निहाल किया। वहीं कार्यक्रम का संचालन सतपाल सिंह मीत ने किया। प्रबन्धक कमेटी के अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह बग्गा ने साध संगतों को पौष माह संक्रान्ति पर्व की बधाई दी। 
 
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