बदहाली की कगार पर पहुंच गया सांसद का गोद लिया गाँव

बदहाली की कगार पर पहुंच गया सांसद का गोद लिया गाँव

उन्नाव। एक तरफ प्रधानमंत्री देश के सभी गांवों को आदर्श ग्राम योजना के तहत सभी बुनियादी सुविधाओं से परिपूर्ण करके मुख्य धारा में लाना चाहते हैं वही एक और उन्नाव जनपद के सांसद द्वारा गोद लिए गांव में अभी अव्यवस्थाओ के रूप में काफी चीजें सामने आई है,11 अक्टूबर 2014 को प्रारंभ की गई सांसद आदर्श ग्राम योजना (SAGY) का उद्देश्य गांवों और वहाँ के लोगों में उन मूल्यों को स्थापित करना था जिससे वे स्वयं के जीवन में सुधार कर दूसरों के लिए एक आदर्श गांव बने।

जिससे लोग उनका अनुकरण उन बदलावों को स्वयं पर भी लागू करें। यह योजना संसद के दोनों सदनों के सांसदों को प्रोत्साहित करती है कि वे अपने निर्वाचन क्षेत्र के कम से कम एक गांव की पहचान करें और 2016 तक एक आदर्श गांव उसका विकास करें। और 2019 दो और 2024 तक पांच गांवों को शामिल करते हुए देश भर में फैले 6 लाख गांवों में से लगभग 2,500 से अधिक गांवों को इस योजना का हिस्सा बनाना था।

नरेंद्र मोदी के द्वारा गांव को विकास की ओर ले जाने के लिए सांसद आदर्श ग्राम योजना को आरंभ किया गया। इस योजना के माध्यम से देश के प्रत्येक गांव में बुनियादी सुविधाओं के साथ-साथ खेती पशुपालन कुटीर उद्योग रोजगार आदि पर जोर दिया जाना था।जिसके माध्यम से हमारे देश के गांवों में विकास पैदा हो तथा हमारे देश के गांव आदर्श ग्राम बनें,सांसद आदर्श ग्राम योजना को आरंभ करने का मुख्य उद्देश्य है कि ग्राम पंचायत में रहने वाले लोगों के जीवन में सुधार आ सके तथा उन्हें अन्य सुविधाएं प्राप्त हो सके।

इस योजना के अंतर्गत गांव में विकास लाने की जिम्मेदारी सांसदों को सौंपी गई है।सांसदों का कार्य होगा कि वह अपने क्षेत्र में कम से कम 1 गांव की पहचान करें और उसे एक आदर्श गांव में विकसित करें इस योजना के माध्यम से गांव के गरीब लोगों को जीवन जीने के लिए सक्षम बनाया जाएगा तथा महिलाओं को समानता भी सुनिश्चित की जाएगी Sansad Adarsh Gram Yojana के माध्यम से गांव की सफाई पर भी अधिक ध्यान केंद्रित किया जाएगाइस योजना के माध्यम से देश के गांव में काफी विकास पैदा होगा तथा गांव के लोग अपना जीवन यापन अच्छे से कर सकें।

लेकिन ठीक इस योजना के दूसरी तरफ प्रदेश के उन्नाव जनपद में पहला गोद लिया गांव टीकर गढ़ी में ये योजना जमीन पर उतरने में कहीं न कहीं पूर्ण रूप सफल नहीं हो सकी,उन्नाव लखनऊ हाइवे से जुड़े इस गांव की शुरुआत ही जर्जर मार्ग से होती हैं जो कि देखी जा सकती है,योजना को दर्शाने के लिए कुछ मुख्य गलियों आदि की जो कि मुख्य मार्ग से जुड़ी है उनमें खड़ंजा बिछा व आरसीसी बना दर्शा दिया गया,बाकी  गांव के अंदर अभी कुछ मार्ग है जो पूर्ण रूप से  बने नहीं हैं 
कुछ अभी भी बनने का इंतजार कर रहे और कुछ खस्ता हाल में है,लोगों से बात करने पर पता चलता है की वोट बैंक के कारण कुछ गली मौहल्लों में कार्य किया गया है कुछ दूसरी पार्टी के वोट बैंक होने के कारण अभी व्यवस्थाओं से वंचित हैं ,

पानी की व्यवस्था की बात करें तो उन्नाव जनपद पहले ही तीन दशक से दूषित जल व आपूर्ति की मार झेल रहा है जिसके लिए गांव में जल की व्यवस्था के लिए एक टंकी बनाई गई है जिसमे सोलर पैनल व बिजली कनेक्शन दोनों ही होने के बाद भी टंकी न तो पूरी भर पाती है और न ही गांव में सभी तक पानी पहुँच पाता है,कभी 4 दिन या एक हफ्ता तो कभी एक महीने तक इंतजार करना पड़ता है,कहीं लगातार पानी दिया जाता है तो कहीं पानी पहुंच ही नहीं पाता,पानी टंकी के चौकीदार के अनुसार बिजली कनेक्शन तो दे रखा है लेकिन उसमें बिजली सप्लाई नहीं दी जा रही काफी समय से,और तो और आठ महीने से चौकीदार का वेतन भी नहीं दिया।

दूसरी ओर बिजली की बात करें तो कहीं कहीं अभी भी पुराने जर्जर तारों से काम चलाना पड़ रहा है कुछ गली कूचों में खम्बो में तारों का जंजाल बना है,मुख्य रूप से शिक्षा व्यवस्था की बात करें तो प्राथमिक विद्यालय व उच्च प्राथमिक विद्यालय दोनों ही जर्जर हालत में है उनमें गांव के लोग अपने बकरी वगेरह चराते हुए देखे जा सकते हैं,बच्चों के झूले,पानी की टोटियां आदि गायब है,पार्क व स्कूली की दीवार टूटी हुई है,शौचालय की हालत तो ऐसी है कोई पशु भी न जाये उसमे न साफ सफाई न पानी की टंकी, न दरवाजों की व्यवस्था,एक सरकारी हैंड पाइप में सबमर्सिबल जोड़ कुछ एक जगह काम चलाने के लिए पानी दिया हुआ है।

शौचालय टैंक आदि खुले हुए,कहीं कही घांस और झाड़ झंखाड़ भी देखने को मिलते है,निर्माण में लाये गए ईंटे इधर उधर बिखरी पड़ी है,कुछ निर्माणाधीन कमरे करीब 8 महीने से ऐसे ही नींव खुदे पड़े हैं।इस तरह की कई अव्यवस्थाओ से इस गोद लिए गांव टीकर को जूझना पड़ रहा है जबकि 2024 तक पांच गांव इस योजना में दिखने हैं,चुनाव समीप है  क्षेत्रीय नेताओ में विकास व अपने कार्यो को बताने में होड़ लगी हुई है देखते हैं वोट मांगने के समय जनता की क्या प्रतिक्रिया होती है और अबकी बार व कौन सा नेतृत्व चुनते हैं।

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