फरिश्ते दिल्ली के' योजना फंड से उनका कोई लेना-देना नहीं: उपराज्यपाल दफ्तर
- मामले में उप-राज्यपाल दफ्तर को दो हफ्ते में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश
नई दिल्ली। ‘फरिश्ते दिल्ली के’ नामक अपनी योजना के लिए फंड जारी करने की दिल्ली सरकार की याचिका पर सुनवाई के दौरान उप-राज्यपाल दफ्तर ने कहा कि इस योजना के लिए जारी किए जाने वाले फंड से उनका कोई लेना-देना नहीं है। जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस मामले में उप-राज्यपाल दफ्तर को दो हफ्ते में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया।
सुनवाई के दौरान उप-राज्यपाल दफ्तर की ओर से पेश एएसजी संजय जैन ने कहा कि दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री के नेतृत्व में एक सोसायटी को इस पर फैसला लेना होता है और बीते दो जनवरी को उनकी अध्यक्षता में सोसायटी की मीटिंग भी हुई जिसमें इस स्कीम के तहत फंड रिलीज करने का फैसला लिया है। इसके बाद कोर्ट ने एएसजी से दो हफ्ते में इस पर हलफनामा दाखिल करने को कहा। साथ ही यह चेतावनी भी दी कि अगर यह बात सही होगी तो दिल्ली सरकार पर इसके लिए भारी जुर्माना भी लगाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने 8 दिसंबर को उप-राज्यपाल दफ्तर को नोटिस जारी किया था। कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि ये समझ से परे है कि क्यों सरकार के दो धड़े आपस में यूं लड़ते रहते हैं। दिल्ली सरकार ने अर्जी दायर कर 'फ़रिश्ते दिल्ली के' नाम वाली अपनी स्कीम के लिए फंड रिलीज करने की मांग की है। इस स्कीम के तहत दिल्ली सरकार सड़क दुर्घटना में घायल लोगों को मुफ्त इलाज मुहैया कराती है।