प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर लटका ताला, डॉक्टर सहित कर्मी नदारद,स्वास्थ केंद्र बना नशेड़ियों का आड़ा
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काराकाट (रोहतास) | काराकाट प्रखंड के ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को स्वास्थ्य सुविधा पाने के लिए भटकना पड़ रहा है। निगरानी न होने से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर डॉक्टरों की मनमानी मरीजों को भारी पड़ रही है। स्वास्थ्य केन्द्र पर पदस्थापित कोई भी चिकित्सक केंद्र नहीं आते हैं। जिससे लोग छोटी-छोटी बीमारी के उपचार के लिए यहां-वहां भटकने को मजबूर हैं। तकरीबन दर्जनों गांव के लोग यहां स्वास्थ्य सुविधाएं लेने आते हैं, लेकिन जब केंद्र के भवन पर ताला लटका हुआ होता है तो वह मायूस होकर लौट जाते है। डॉक्टर नही आने के कारण मरीजों को दवाएं नही मिल पाती हैं। जिससे लोग काफी परेशान हैं। और लोगों को इलाज के लिए निजी चिकित्सकों के पास जाने को मजबूर होना पड़ता है। आरोप है कि इस केंद्रों पर तैनात डॉक्टर संजीत कुमार, डॉक्टर राजेश कुमार महीने में एक दो बार आकर अपनी पूरे महीनो का हाजिरी जरूर लगा देते हैं।काराकाट स्वास्थ्य केंद्र में तीसो दिन डॉक्टर की कुर्सी खाली पड़ी रहती है। इलाज के लिए आने वाले मरीजों प्रति दिन घंटों डॉक्टरों के आने का इंतजार करना रहते है और डॉक्टर नही आते तो लोग माउस होकर घर चले जाते हैं। काराकाट प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के बाहर डाक्टर का इंतजार कर रहे प्रेम सिंह, सुरेश कुमार, नंद लाल, कालिदास, राज कुमार, रमेश चंद, पूजा, सुमन, रीना, सुनीता ने बताया कि हम लोग चार दिनों से इलाज के लिए यहां आ रहे हैं लकिन अभी तक डॉक्टर नहीं मिल पाए हैं।मजबूरी में निजी क्लीनिक पर जा कर इलाज कराना पड़ेगा। वही बंद पड़े केंद्र के आस पास शराबियों एवम जुवेडियो का हब सेंटर बन गया है। लोगो का माने तो यहां जुआ खेलने एवम नशा करने वालो का सबसे सेफ एवम सुरक्षित जगह माना जाता है। नशेड़ी यहां आते है और बड़े ही आराम से नशा कर निकल जाते है। वही ग्रामीणों ने बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर तैनात डॉक्टर पिछले 26 दिसंबर को आए थे क्योंकि उस दिन रोहतास जिला अधिकारी नवीन कुमार का जनसंवाद कार्यक्रम था। इसके बाद से फिर गायब हो गए । काराकाट प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से जब इस मामले में बात किया गया तो उन्होंने करवाई करने की बात कही हैं । लाइव न्यूज़ दिखाने के बाद चिकित्सा प्रभारी ने वहां रहने वाले दो डॉक्टर को कारण बताओं नोटिस जारी किया है ।आपको बता दे कि यह तीसरा कारण बताओं नोटिस किया गया है।अगर केवल कारण बताओं नोटिस देकर छोड़ दिया जाए तो मनमानी कैसे बंद होगी? उसके आगे कोई कार्रवाई नहीं होती है तो अधिकारी और कर्मचारियों की मनमानी कैसे बंद होगी। अब आगे देखने वाली बात यह होगा कि ऐसे डॉक्टरों पर करवाई होती है या मामला पहले जैसा ही लीपा पोती किया जाता है। स्थानीय लोगों ने स्वास्थ्य विभाग से जांच कर शीघ्र स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने की मांग करते हुए ऐसे भ्रष्ट कर्मियों पर सख्त करवाई करने की मांग रखी हैं।
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