अयोध्याधाम के 6 प्रमुख मार्गों पर होगा 200 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन
अयोध्याधाम में श्रद्धालुओं, यात्रियों एवं पर्यटकों को सुविधाजनक एवं सुलभ परिवहन सेवा होगी उपलब्ध
अयोध्या नगरी में नगर विकास विभाग द्वारा चलाई जा रही इलेक्ट्रिक बसें
श्रद्धालुओं, यात्रियों एवं पर्यटकों की सुविधा के लिए अलग-अलग 05 कलर कोड में चलेंगी इलेक्ट्रिक बसें
इलेक्ट्रिक बसों की चलो एप के माध्यम से की जा सकेगी ट्रैकिंग
यात्रियों की सुविधा के लिए अयोध्याधाम बस स्टेशन पर 24×7 कंट्रोल रूम स्थापित, मोबाइल नंबर +918853364763 संचालित
अयोध्या/लखनऊ। 22 जनवरी को अयोध्याधाम में श्रीरामजन्मभूमि परिसर में निर्मित पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में व इसके बाद भी आने वाले श्रद्धालुओं, यात्रियों एवं पर्यटकों तथा स्थानीय निवासियों की सुविधा के लिए तथा उन्हें आरामदायक एवं सुलभ परिवहन सेवा उपलब्ध कराने के लिए योगी सरकार 6 रूटों पर 200 इलेक्ट्रिक बसों को संचालित किया जाएगा। हाल ही में मुख्यमंत्री ने अयोध्यावासियों के लिए 50 ई-बसों और 25 ई-आटो की सौगात दी थी। ई-बसों के संचालन से अयोध्यावासियों और पर्यटकों में काफी उत्साह देखा जा रहा है और बड़ी संख्या में इन बसों में यात्री सफर भी कर रहे हैं। योगी सरकार के इस निर्णय से अयोध्या आने वाले यात्रियों और श्रद्धालुओं को काफी राहत मिलेगी।
200 इलेक्ट्रिक बसों को किया जाएगा संचालित
प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए के शर्मा ने कहा कि 14 जनवरी को मुख्यमंत्री जी द्वारा एयरपोर्ट से अयोध्या धाम के लिए भी ई-बस सेवा का शुभारम्भ किया गया। आगामी 20 जनवरी तक नगर विकास विभाग द्वारा 200 इलेक्ट्रिक बसों को संचालित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त 4 ई-बसें (7 मीटर) का एयरपोर्ट के यात्रियों की सुविधा के लिए महर्षि वाल्मीकि अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट से श्रीराम जन्मभूमि तक वाया लता मंगेशकर चौक मार्ग पर संचालन कराया जाएगा। जिन छः रूटों पर इन बसों का संचालन किया जाना है उसमें 23 किलोमीटर लम्बे कटरा रेलवे स्टेशन से सहादतगंज, रामपथ पर लाल कलर कोड की 40 बसें चलेंगी, जिससे गोरखपुर एवं गोण्डा व इससे जुड़े मार्गों से आने वाले यात्रियों को सुविधा मिलेगी। सलारपुर से अयोध्याधाम बस स्टेशन तक 22 किमी लम्बे मार्ग पर पीले कलर कोड की 40 बसें, इससे लखनऊ मार्ग से आने वाले यात्रियों को सुविधा मिलेगी। अयोध्याधाम बस स्टेशन से भरतकुंड तक 41 किमी लम्बे मार्ग पर नारंगी कलर कोड की 40 बसों से प्रयागराज एवं सुल्तानपुर व इससे जुड़े मार्गों से आने वाले यात्रियों को सुविधा मिलेगी। अयोध्याधाम बस स्टेशन से बारून बाजार तक 33 किमी लम्बे मार्ग पर बैगनी कलर कोड की 40 बसों से बांदा एवं झांसी व इससे सम्बद्ध मार्ग के यात्रियों को सुविधा मिलेगी। अयोध्याधाम बस स्टेशन से पूरा बाजार तक 33 किमी लम्बे मार्ग पर हरे कलर कोड की 40 बसें चलायी जायेंगी, इससे वाराणसी एवं अकबरपुर व इससे सम्बद्ध मार्ग से अयोध्याधाम आने वाले यात्रियों को सुविधा मिलेगी। इसके अतिरिक्त महर्षि वाल्मीकि अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट से श्रीराम जन्मभूमि तक वाया लता मंगेशकर चौक से 17 किमी लम्बे मार्ग पर 04 इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएंगी। इससे एयरपोर्ट से आने वाली यात्रियों को सुविधा मिलेगी।
दिव्यांग, वृद्धजनों एवं महिलाओं के सुरक्षित हैं ई बसें
ए के शर्मा ने कहा कि वातानुकूलित इलेक्ट्रिक बसें व ई-ऑटो श्रद्धालुओं, यात्रियों एवं दर्शनार्थियों के लिए काफी सुलभ, सुरक्षित एवं लोकप्रिय पब्लिक ट्रॉन्सपोर्ट के रूप में जानी जाएंगी। इससे लोगों को वायु एवं ध्वनि प्रदूषण से भी मुक्ति मिलेगी। यह परिवहन सेवा दिव्यांग, वृद्धजनों एवं महिलाओं के लिए काफी सुरक्षित है। इन बसों में यात्रियों की सुरक्षा (विशेष रूप से महिलाओं) के लिए 5 सीसीटीवी एवं 10 पैनिक बटन की भी व्यवस्था की गई है तथा सेफ सिटी परियोजना के अन्तर्गत पुलिस हेल्पलाइन डायल यूपी-112 से भी जोड़ा गया है। इन बसों की रियल टाइम लोकेशन प्राप्त करने के लिए इन्हें व्हीकल ट्रैकिंग डिवाइस से भी सुसज्जित किया गया है। चलो ऐप के माध्यम से भी इन बसों की ट्रैकिंग की जा सकेगी। यात्रियों की सुविधा के लिए अयोध्याधाम बस स्टेशन पर 24×7 कंट्रोल रूम की स्थापना कराई गई है, जिसका मोबाइल नंबर +918853364763 भी संचालित है। यात्रियों, पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं की जानकारी के लिए प्रमुख स्टॉपेज, तीर्थ स्थलों, रेलवे व बस स्टेशनों पर इन इलेक्ट्रिक बसों का रूट मैप भी लगवाया जा रहा है। साथ ही अयोध्या पुलिस की एलईडी दिव्य अयोध्या एप पर भी इसको प्रदर्शित किया जाएगा।
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‘तरुणमित्र’ श्रम ही आधार, सिर्फ खबरों से सरोकार। के तर्ज पर प्रकाशित होने वाला ऐसा समचाार पत्र है जो वर्ष 1978 में पूर्वी उत्तर प्रदेश के जौनपुर जैसे सुविधाविहीन शहर से स्व0 समूह सम्पादक कैलाशनाथ के श्रम के बदौलत प्रकाशित होकर आज पांच प्रदेश (उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तराखण्ड) तक अपनी पहुंच बना चुका है।
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