गंगा स्नान से नष्ट होंगे 10 पाप, दान से भाग्य में होगी वृद्धि

गंगा स्नान से नष्ट होंगे 10 पाप, दान से भाग्य में होगी वृद्धि

लखनऊ। सनातन धर्म में गंगा दशहरा पर्व का खास महत्व है। हिंदू धर्म में गंगा दशहरा का विशेष महत्व है। पौराणिक मान्यता है कि जीवनदायिनी गंगा आज ही के दिन धरती पर अवतरित हुई थी और राजा भगीरथ के पूर्वजों का उद्धार किया था। उस दिन ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि थी। हर वर्ष इस तिथि पर गंगा दशमी का पर्व मनाया जाता है। इसे गंगा दशहरा भी कहते हैं। ऐसा माना जाता है कि जीवनदायिनी माता गंगा की पूजा करने से सभी पापों का अंत होता है। इसके साथ ही रोग-दोष से मुक्ति मिलती है। यही वजह है कि गंगा दशहरा बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस बार यह पर्व 16 जून रविवार को मनाया जाएगा।

शुभ मुहूर्त और संयोग-
पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 16 जून 2024 को सुबह 02 बजकर 32 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन अगले दिन यानी 17 जून 2024 को सुबह 04:45 मिनट पर होगा। उदयातिथि के अनुसार गंगा दशहरा का पर्व 16 जून को मनाया जाएगा। इस दिन स्नान के लिए ब्रह्म मुहूर्त अच्छा माना जाता है। गंगा दशहरा के दिन सुबह 7 बजकर 8 मिनट से सुबह 10:37 तक शुभ पूजा-अर्चना के लिए शुभ मुहूर्त है।

पं.अवधेश मिश्र शास्त्री बताते हैं कि स्कंद पुराण में गंगा दशहरा का बहुत अधिक महत्व बताया गया है। कहते हैं कि गंगा के दर्शन मात्र से पापों से मुक्ति मिल जाती है। इस दिन गंगा स्नान को भी बहुत पुण्यकर माना गया है। गंगा दशहरा के दिन जरूरतमंदों को दान करने से व्यक्ति के भाग्य में वृद्धि होती है।

ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति इस दिन गंगा के पवित्र जल में स्नान करता है या फिर गंगाजल का सेवन करता है उसके पापों के साथ-साथ रोग और दोष भी दूर हो जाते हैं। गंगा स्नान करने वाले व्यक्ति के 10 पाप नष्ट हो जाते हैं, जिनमें कठोर वाणी, दूसरे के धन को लेने का विचार, दूसरों का बुरा, निषिद्ध हिंसा, परस्त्री गमन, बिना दी हुई वस्तु को लेना, व्यर्थ की बातों में दुराग्रह, चुगली, झूठ बोलना, दूसरों का अहित करना शामिल है।

पंडित राम मोहन शुक्ल के अनुसार, इस दिन शिव जी की पूजा करना शुभ होता है, क्योंकि गंगा नदी शिवजी की जटाओं से निकलती हैं। इसके अलावा गंगा दशहरा के दिन दान करने से पुण्य लाभ होता है और पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन शिवजी को गुड़, सफेद मिठाई और शहद का भोग लगाना अच्छा माना जाता है। गंगा दशहरा पर शरबत से भरा मिट्टी का कलश भी दान कर सकते हैं। इससे इंसान को सभी पापों से मुक्ति मिलती है और मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस पर्व पर गाय का दान करना महादान माना गया है। इससे पुण्य की प्राप्ति होती है।

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