तालाब से अतिक्रमण को हटाने को लेकर लापरवाह बना तहसील प्रशासन
चकिया तहसील मुख्यालय से सटे गरला गांव का है जहां कूढा करकट पाटकर तालाब का अस्तित्व ही समाप्त हो गया है और तालाब पर अतिक्रमण कर लिया गया। और तालाब सीमटकर लगभग 5 विस्वा के हो गया है तालाब से अतिक्रमण को हटाने को लेकर गांव के धीरज श्रीवास्तव के द्वारा तहसील प्रशासन से फरियाद लगाई गयी
चन्दौली। एक तरफ सुबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ के द्वारा गांवो के विकास को लेकर तथा गांवो मे सार्वजनिक स्थानों तालाबों चकरोड बंजर भुमी से अतिक्रमण हटाने को लेकर अधिकारियों को सख्त निर्देश दिया गया है कि गांव में किसी भी तरह से सार्वजनिक रास्तो तालाबों बंजर भूमि से अतिक्रमण को तत्काल हटाया जाए मगर जमीनी स्तर पर प्रदेश सरकार का फरमान हवा हवाई साबित होता नजर आ रहा है जिससे सार्वजनिक तालाबों का अस्तित्व खत्म होता नजर आ रहा है।
दरअसल पुरा मामला चंदौली जिले के चकिया तहसील मुख्यालय से सटे गरला गांव का है जहां गांव के युवा समाजसेवी धीरज श्रीवास्तव बताया की ग्राम सभा गरला मे आराजी नंबर 60 मी0 मे लगभग 15 बिस्वा मे तालाब था। जिसका उपयोग गांव के लोगों के द्वारा किया जाता था लेकिन तालाब पर गांव के ही लोगों के द्वारा धीरे कुडा करकट पाटकर तालाब का अस्तित्व ही समाप्त हो गया है और तालाब पर अतिक्रमण कर लिया गया। और तालाब सीमटकर लगभग 5 विस्वा के हो गया है तालाब से अतिक्रमण को हटाने को लेकर गांव के धीरज श्रीवास्तव के द्वारा तहसील प्रशासन से फरियाद लगाई गयी लेकिन तालाब से आज तक अतिक्रमण को हटाया नही जा सका है। जिससे तालाब का अस्तित्व समाप्त होता नजर आ रहा है तालाब से अतिक्रमण को हटाने को लेकर ग्रामीणों ने तहसील प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया है जिससे लोगों को सुविधाएं उपलब्ध हो सके।
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