“बंदिश 4” में गुरुओं और गायन के विद्यार्थियों की जुगलबंदी

रिद्धिमा में गूंजे प्यार के तराने

“बंदिश 4” में गुरुओं और गायन के विद्यार्थियों की जुगलबंदी

बरेली। एसआरएमएस रिद्धिमा में रविवार की शाम गायन गुरु और उनके विद्यार्थियों के नाम रही। उन्होंने प्रसिद्ध और मधुर गीतों को रिद्धिमा के मंच पर प्रस्तुत किया। स्वरों की जुगलबंदी, वाद्ययंत्रों का तालमेल देख कर श्रोता आश्चर्यचकित रह गए। सभी ने मधुर और कर्णप्रिय गीतों का आनंद लिया सराहा।“बंदिश 4” का आगाज गायन के विद्यार्थी अर्चना त्यागी, डा. जयति, गौरी, बीनल पहल, अश्वत्थ कपूर, अर्नव कनौजिया, श्रेया प्रभजोत, शालिनी पांडेय, लतिका अग्रवाल, श्रेयांश अग्रवाल, सार्थक कथेरिया ने स्वर की देवी सरस्वती की आराधना की और से शारदे मां को अपने स्वर दिए। गायन गुरु प्रियंका ग्वाल ने फिल्म शर्मीली का गाना ये समा समा है मैं प्यार का गाकर श्रोताओं को प्रीति के रस में भिगोया।
 
अतिथि गायक डा. रीटा शर्मा ने मेघा छाए आधी रात बैरन बन गई निंदिया को अपनी आवाज देकर नायिका के विरह के प्रस्तुथ किया। गायन की विद्यार्थी अंशुमा अग्रवाल और गुरु प्रियंका ग्वाल ने शाम है जाम है और है नशा को अपने स्वर देकर श्रोताओं को रोमांचित किया। गायन की विद्यार्थी वंदना दुग्गल खन्ना ने गुंजी सी है सारी फिजा को अपनी आवाज दी। गायन गुरु स्नेह आशीष दुबे और प्रियंका ग्वाल ने इंस्ट्रूमेंटल गुरु हिमांशु चंदा के साथ मिल कर प्रसिद्ध फिल्मी गीतों के मुखड़ों को आवाज दी तो गायन के विद्यार्थियों ने बालीवुड के कर्णप्रिय गीतों की पैरोडी प्रस्तुत कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया।
 
अंत में सभी ने पुराने गानों को अपनी आवाज देकर श्रोताओं को 70- 80 के दशक में पहुंचा दिया। कार्यक्रम में उमेश मिश्रा (सारंगी), कुंवर पाल (सितार), सूर्यकांत चौधरी (वायलिन), आशीष सिंह (कीबोर्ड), टुकमनी सेन (हारमोनियम/एकोर्डियन), हिमांश चंद्रा (गिटार), सूरज पांडेय (बांसुरी), सुमन बिस्वास (कांगो), अमरनाथ (तबला), रोनी फिलिप्स (सैक्सोफोन) और प्रियांशु (ड्रम) ने भी वाद्ययंत्रों की संगत से अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इस मौके पर एसआरएमएस ट्रस्ट के संस्थापक व चेयरमैन देव मूर्ति जी, आदित्य मूर्ति जी, आशा मूर्ति जी, सुभाष मेहरा, डा.प्रभाकर गुप्ता सहित शहर के गण्यमान्य लोग मौजूद रहे।
 
 
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