थानों पर हादसों का इंतजार, आग से निपटने को नहीं इंतजाम!  

यहां सीज खड़े वाहनों की कतारों से कहीं हो न जाए कोई बड़ा हादसा

थानों पर हादसों का इंतजार, आग से निपटने को नहीं इंतजाम!  

रत्नेश श्रीवास्तव

  • तालकटोरा थाना में हुआ शॉर्ट सर्किट या कोई खेल, संदेह में माल खाने की आग
  • गर्मी बढ़ते ही शहर के आबादी वाले क्षेत्रों में बढ़ जाती है आगजनी, खाकी बनी अनजान

लखनऊ। राजधानी लखनऊ। की कमिश्नरेट पुलिस आये दिन होते जा रहे विभिन्न प्रकार के हादसों के बाद भी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर जागरूक नहीं दिख रही है। ऐसा ही नजारा  बीते कुछ दिन पूर्व थाना तालकटोरा में तब सामने आया जब थाने के मालखाने में आग लग गई और  माल खाने में रखा सामान जलकर खाक हो गया। गनीमत थी कि मौके पर पहुंची दमकल टीम ने आग पर काबू पा लिया अन्यथा वहां थाने की पुलिस के जमा शस्त्रों से एक बड़ा हादसा हो सकता था। बताते चलें कि गर्मियों की शुरूआत होते ही जगह-जगह से आग लगने के मामले रोजाना सामने आ रहे हैं। कहीं राह चलते बसों में आग लग रही है। तो कहीं राह चलते चार पहिया से लेकर दो पहिया वाहनों में और कही होटलों में आग लग रही है। थाना तालकटोरा के माल खाने में लगी आग ने एक बार फिर से पुलिस की सक्रियता पर सवालियां निशान लगा दिया।

लोक सभा चुनाव और आचार संहिता के चलते समस्त थाना क्षेत्रों में शस्त्र धारकों से शस्त्र जमा कराकर माल खाने में रखा जाता है। जब थाने के माल खाने में ही ड्यूटी के बाद सिपाही अपने शस्त्र माल खाने में ही जमा करके पुलिस कर्मी अपने घरों को जाते हैं। माल खाने में ही पुलिस  घटनाओं के खुलासे के बाद आरोपियों से बरामद हुए शस्त्र से लेकर अन्य बरामद हुए सामान जमा किये जाते हैं। इतना ही नही थानों में वर्षों से जमा वाहनो के भंडार लगातार पड़े  हुए हैं। ऐसे में इस तरह की लापरवाही के चलते कई पुलिस कर्मियों की जिंदगी दांव पर लगी रहती है। जिस थाने में  कई पुलिस कर्मी सदैव  तैनात रहते हैं उसमें बारूद से भरे शस्त्र और कारतूस और अन्य विस्फोटक हथियार होते हैं जिनसे पुलिस किसी भी समय अपराधियों से जवाब देही कर सकती है लेकिन विकराल आग में सभी  सुरक्षित थे।

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लेकिन वहां मौजूद कई संगीन अपराधों से जुड़े दस्तावेज सहित अन्य वस्तुएं भी रहती है। पुलिस द्वारा  संदिग्ध और बिना दस्तावेजों के सीज किये गए वाहनों की भरमार राजधानी के समस्त थानों में लगी हुई है। न ही इनकी नीलामी होती है और न ही इन वाहनों के रख रखाव का विशेष ध्यान दिया जाता है। जिससे किसी भी समय आग लगने जैसे कोई भी मामला सामने आ सकता है। इन सीज वाहनों के निस्तारण को लेकर जब आलमबाग थाना प्रभारी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि सर्वप्रथम इन सीज वाहनों की नीलामी  के लिए सम्बंधित अधिकारियों को पत्र भेजकर उनसे न्यायलय में नीलामी वाहनों की रिपोर्ट भेजकर  न्यायालय की अनुमति लेनी पड़ती है। न्यायालय से आदेश के बाद नीलामी प्रक्रिया के माध्यम से वाहनों की बिक्री की जाती है।

क्या बोलीं डीसीपी पूर्वी...!

इस मामले पर डीसीपी पूर्वी अपर्णा त्यागी ने कहा कि ऐसे मामलों से निपटने के लिए पुलिस सदैव तैयार रहती है। माल खाने में आग लगने  जैसे मामले से निपटने के लिए पुलिसकर्मियों को निर्देशित किया जाएगा और थानों में जमा वाहनों के निस्तारण को लेकर समस्त थाना प्रभारियों को निर्देशित किया जाएगा। साथ समस्त थानों में अग्नि सुरक्षा उपकरणों की समय-समय पर जांच  कराई जायेगी।

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