व्यवहारागत शिक्षा संवाद को सार्थक बनाती है: डॉ. अलका

व्यवहारागत शिक्षा संवाद को सार्थक बनाती है: डॉ. अलका

लखनऊ। अयोध्या हाईवे स्थित एक निजी शिक्षण संस्थान ने शुक्रवार को डॉ राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविधालय की शिक्षिका डॉ अलका सिंह का बीटेक के छात्रों के लिए एक विशेष व्याख्यान कराया। डॉ अलका ने इंजीनियरिंग के छात्रों से "सॉफ्ट स्किल्स" पर बात की। कहा कि आज की पीढ़ी को शिक्षा के गुणात्मक रूप को मानवीय पहलुओं से जोड़ कर देखने की आवश्यकता है। सॉफ्ट स्किल्स पेशेवर विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं क्योंकि उनमें पारस्परिक क्षमताओं की एक श्रृंखला शामिल होती है जो व्यक्तियों को कार्यस्थल की जटिलताओं को प्रभावी ढंग से नेविगेट करने में सक्षम बनाती है।

अपने सॉफ्ट कौशल को निखारकर, व्यक्ति अपनी पेशेवर प्रतिष्ठा बढ़ा सकते हैं, अपने करियर की संभावनाओं को बढ़ावा दे सकते हैं और स्वयं तथा संस्था की सफलता में सकारात्मक योगदान दे सकते हैं। डॉ अलका ने कहा कि मीडिया एक शक्तिशाली उपकरण है जो समाज की राय, विश्वास और मूल्यों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। टेलीविजन, रेडियो, प्रिंट और सोशल मीडिया जैसे मीडिया के विभिन्न रूपों के माध्यम से, सूचना को अभूतपूर्व दर से जनता तक प्रसारित किया जाता है।

यह प्रभाव समाज पर सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रभाव डाल सकता है। एक ओर, मीडिया महत्वपूर्ण मुद्दों पर जागरूकता बढ़ा सकता है, जनता को शिक्षित कर सकता है और सांस्कृतिक समझ को बढ़ावा दे सकता है। दूसरी ओर, यह रूढ़िवादिता को भी कायम रख सकता है, गलत सूचना फैला सकता है और सुंदरता और सफलता के अवास्तविक मानक बना सकता है। व्याख्यान में कॉलेज के निदेशक प्रोफेसर बी के चौहान, डॉ डी के मिश्रा, डॉ अजेय बाजपाई और अन्य शिक्षकों समेत छात्र छात्राओं ने प्रतिभाग किया।

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