मेन्थाल मिंट की खेती व अजीविका में होगा सुधार: महानिदेशक

सीमैप साइंस सेंटर ने हेलान यूके के साथ किया समझौता

मेन्थाल मिंट की खेती व अजीविका में होगा सुधार: महानिदेशक

लखनऊ। राजधानी की सीमैप साइंस सेंटर ने हेलान यूके के साथ समझौता किया गया। गुरूवार को साइंस सेंटर दिल्ली में वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद डॉ.एन कलैसेल्वी महानिदेशक सीएसआईआर तथा सचिव डीएसआईआर की उपस्थिति में हेलान यूके ट्रेडिंग लिमिटेड के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गये। बता दें कि इस समझौते के अंतर्गत सीमैप द्वारा उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में मेन्थॉल मिंट की खेती एवं प्रसंस्करण से आजीविका में सुधार, पर्यावरणीय प्रबंधन और सस्टैनबल मेंथोल आपूर्ति के लिए प्रयास किए जाएगें।

वहीं समझौते का आदान-प्रदान डॉ. प्रबोध कुमार त्रिवेदी निदेशक सीएसआईआर-सीमैप और वेदिका कपूर निदेशक गवर्नमेंट अफेयर तथा संचार - भारतीय उपमहाद्वीप, हेलोन इंडिया द्वारा किया गया। सीएसआईआर के महानिदेशक  ने सीएसआईआर ने सीमैप के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह परियोजना मेन्थॉल मिंट की खेती करने वाले किसानों की सामाजिक-अर्थव्यवस्था के उत्थान में सहायक सिद्ध होगी।

इसी क्रम में सीमैप के निदेशक डॉ. प्रबोध कुमार त्रिवेदी ने परियोजना के उद्देश्यों के बारे में जानकारी दी, जिसमे चार साल की परियोजना अवधि में मेन्थॉल मिंट की उच्च गुणवत्ता एवं उपज वाली किस्म से बाराबंकी के 5 हजार से अधिक किसान लाभान्वित होंगे। ज्ञात हो कि लागत को कम करने और उपज में सुधार के लिए उन्नत कृषि-प्रौद्योगिकियां, ड्रोन आधारित फसल की निगरानी और किसानों के खेत में छिड़काव, कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए सौर आसवन इकाई, डिस्टिलेशन के उपरांत बचे हुए बायोमास से वर्मीकम्पोस्टिंग जैसी वेस्ट से वेल्थ की पहल भी की गई।

वहीं हेलॉन इंडिया की की प्रतिनिधि वेदिका ने बताया कि मेन्थॉल मिंट हेलॉन द्वारा विकसित किए जा रहे विभिन्न उत्पादों का एक प्रमुख घटक है और भारत हेलॉन के लिए मेन्थॉल मिंट का प्रमुख आपूर्तिकर्ता है। उन्होंने इस परियोजना को लागू करने के लिए सहमत होने के लिए सीएसआईआर को भी धन्यवाद दिया। समझौते के दौरान सीमैप से डॉ. मनोज सेमवाल, डॉ. रमेश के श्रीवास्तव मौजूद रहे।

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